पंजाब सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि जोश, प्यार और रंगों से भरी एक भावना है। यहां की हर जगह पर इतिहास की झलक, हर गली में संगीत की धुन और हर दिल में मेहमाननवाजी का जज़्बा मिलता है। अगर आप असली भारत की आत्मा को महसूस करना चाहते हैं, तो पंजाब से बेहतर जगह नहीं हो सकती।
पंजाब
पंजाब को भारत का “दिल” कहा जाता है, क्योंकि यहां के लोग खुले दिल से जीते हैं। खेतों की हरियाली, सरसों के फूल, और गांवों की सादगी इस राज्य की असली पहचान हैं।
अमृतसर, पंजाब का दिल, अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए दुनिया भर में मशहूर है। यहां का स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेंपल) सिखों का प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर दिन हजारों लोग माथा टेकने आते हैं। सोने से मढ़ा यह मंदिर रात में रोशनी में ऐसा चमकता है मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। मंदिर के अंदर का लंगर (फ्री मील सर्विस) दुनिया का सबसे बड़ा सामूहिक रसोईघर माना जाता है, जो समानता और सेवा की मिसाल है।
इतिहास की गवाही
अमृतसर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित वाघा बॉर्डर पर हर शाम होने वाला बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी एक अनोखा अनुभव है। भारत और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच होने वाली यह परेड देशभक्ति से भरी होती है, जिसे देखने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं।
वहीं, जलियांवाला बाग उस इतिहास का गवाह है जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। यहां लगी गोलियों के निशान आज भी लोगों को आज़ादी की कीमत याद दिलाते हैं। यह जगह हर भारतीय के दिल में देशभक्ति का भाव और भी गहरा करती है।
चंडीगढ़
पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ अपने खूबसूरत लेआउट और सफाई के लिए जानी जाती है। यह भारत का सबसे योजनाबद्ध शहर माना जाता है, जिसे प्रसिद्ध आर्किटेक्ट ले कोर्बुज़िए ने डिज़ाइन किया था।
यहां का रॉक गार्डन, नेचुरल सामग्री और वेस्ट आइटम से बनाया गया एक आर्ट पीस है। सुखना लेक सुबह-सुबह बोटिंग और सैर के लिए परफेक्ट जगह है। अगर आप सिटी और नेचर का बेस्ट बैलेंस देखना चाहते हैं, तो चंडीगढ़ आपका दिल जीत लेगा।
पटियाला और लुधियाना
पटियाला, अपने रॉयल इतिहास और खास फैशन स्टाइल “पटियाला सूट” के लिए फेमस है। किला मुबारक और शीश महल यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। शहर का पुराना बाजार राजस्थानी और पंजाबी क्राफ्ट की झलक दिखाता है।
वहीं लुधियाना, पंजाब का इंडस्ट्रियल हब है, लेकिन यहां की गलियों में असली पंजाबियत बसती है। यहां का पंजाबी खाना – सरसों दा साग, मक्के दी रोटी, लस्सी और बटर चिकन – हर खाने के शौकीन को खुश कर देता है।
आनंदपुर साहिब और फतेहगढ़ साहिब
पंजाब की धार्मिक यात्रा तब पूरी होती है जब आप आनंदपुर साहिब और फतेहगढ़ साहिब जाते हैं। आनंदपुर साहिब को खालसा पंथ की जन्मस्थली कहा जाता है। यहां का होला मोहल्ला त्यौहार सिखों की वीरता और भाईचारे का प्रतीक है। फतेहगढ़ साहिब वह जगह है जहां गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहादत हुई थी। यहां की शांति और श्रद्धा का माहौल हर दिल को छू जाता है।
लोगों की मेहमाननवाजी
पंजाब की असली खूबसूरती यहां के लोगों में बसती है। चाहे आप गांव के खेतों में हों या किसी शहर के कैफे में – हर कोई मुस्कुराकर “आओ जी” कहता है। यहां का ढोल-भांगड़ा, लोक संगीत और त्योहारों की रौनक हर पल को जश्न बना देती है।
