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आउटसोर्स पैथोलॉजी में 943 करोड़ का घोटाला? MP विधानसभा में बड़ा आरोप

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Published On: 5 December 2025

MP की स्वास्थ्य सेवाओं को झकझोर देने वाला एक बड़ा वित्तीय घोटाला विधानसभा में सामने आया है। पूर्व मंत्री और राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने दावा किया है कि प्रदेश में आउटसोर्स पैथोलॉजी सेवाओं के नाम पर 943 करोड़ रुपये का व्यापक घोटाला हुआ है। उन्होंने इसे प्रदेश के इतिहास का सबसे संगठित और गंभीर भ्रष्टाचार बताते हुए पूरे मामले की CBI जांच की मांग की है। विधायक सिंह के अनुसार, रिकॉर्ड बताता है कि मध्यप्रदेश की लगभग 7 करोड़ आबादी के मुकाबले निजी कंपनी साइंस हाउस ने 12 करोड़ 84 लाख पैथोलॉजी जांचें किए जाने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा ही इस घोटाले को उजागर करने के लिए काफी है।

उनके मुताबिक, एक सामान्य व्यक्ति साल में इतनी बार जांच नहीं करवा सकता, और कई जिलों में जांच मशीनें महीनों तक खराब पड़ी रहीं। ऐसे में यह संख्या दिखाती है कि बड़ी मात्रा में फर्जी जांचें दिखाकर बिल बनाए गए।

अलग-अलग रेट लिस्ट

सिंह ने आरोप लगाया कि काम एक ही समूह को दो अलग-अलग नामों POCT साइंस हाउस प्राइवेट लिमिटेड और साइंस हाउस प्राइवेट लिमिटेड से दिया गया, जबकि दोनों में एक ही व्यक्ति की हिस्सेदारी है। रेट लिस्ट अलग-अलग रखी गई, जिससे एक ही टेस्ट के लिए कहीं 50 रुपये और कहीं उससे कई गुना अधिक वसूले गए। उन्होंने कहा कि रेट में इस तरह का अंतर सीधे-सीधे वित्तीय धांधली का संकेत है।

विधायक ने दावा किया कि सरकारी दस्तावेज़ों में साफ उल्लेख है कि कंपनी ने अपने बिलों में 18% GST लगाया, जबकि ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, MRI और CT Scan सहित सभी हेल्थकेयर सेवाएँ 0% GST की श्रेणी में आती हैं। उन्होंने कहा कि “यह सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुँचाने वाला बड़ा कर घोटाला है, जिसकी जांच जरूरी है।”

जमीन पर जांच नहीं

सिंह के अनुसार, कई CHC, PHC और ब्लॉक अस्पतालों में वास्तविक जांचें हुई ही नहीं। मशीनें बंद पड़ी थीं और मरीजों को सुविधाएँ नहीं मिलीं, लेकिन कागज़ों पर रिपोर्ट बनाकर करोड़ों रुपये के बिल जारी किए गए। उन्होंने इसे स्वास्थ्य सेवाओं के साथ सीधी धोखाधड़ी बताया। सिंह ने यह भी कहा कि कंपनी के मालिक पर पहले ही ED और आयकर विभाग की कार्रवाई हो चुकी है और फर्जी दस्तावेज़ पकड़े गए थे। इसके बावजूद, जुलाई 2025 में सरकार ने कंपनी का अनुबंध एक वर्ष बढ़ा दिया। उन्होंने इसे भ्रष्टाचारियों को खुला संरक्षण करार दिया।

विपक्ष की मांग

विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने मरीजों की सेहत की कीमत पर एक भ्रष्ट कंपनी को बचाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस पूरे मामले को जनता के सामने लाएगी और निष्पक्ष CBI जांच की मांग जारी रखेगी।

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