भोपाल | मध्यप्रदेश में लंबे समय से अटके ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य ओबीसी आरक्षण से जुड़ी कानूनी अड़चनों पर चर्चा करना और इस विषय पर आगे की रणनीति तय करना रहा।
बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र (जीतू) पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य कमलेश्वर पटेल, आयोग के अध्यक्ष और अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
कांग्रेस ने रखा पक्ष
बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें कानूनी अड़चनों पर चर्चा हुई। यदि आरक्षण शीघ्र लागू करने का रास्ता निकलता है तो यह स्वागतयोग्य है। सर्वसम्मति से यही नीति बनी कि कानून लागू हो और जिन्होंने इसे 6 वर्षों तक रोके रखा, उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाए।
माननीय सुप्रीम कोर्ट में लंबित पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण के मामले को लेकर आज भोपाल निवास पर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया कि इस मामले में सभी दल एकजुट होकर एक फोरम पर आएंगे। इस मामले में विभिन्न पक्षों के अधिवक्तागण भी 10 सितंबर तक एक साथ बैठकर… pic.twitter.com/hECQtcykl5
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 28, 2025
वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए, गणेश जी ने इन्हें सद्बुद्धि दी। हम लगातार कह रहे हैं कि ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। हमारी सरकार में हमने इसे विधानसभा में लाया था, लेकिन लागू नहीं किया गया। आज तय हुआ कि सभी दलों के अधिवक्ता मिलकर रिपोर्ट बनाएंगे और उसे कोर्ट में पेश करेंगे। कोर्ट ने कहीं रोक नहीं लगाई है, सरकार ने ही रोके रखा है।
कांग्रेस की प्रमुख मांगें
- कानूनी अड़चनों का त्वरित समाधान, ताकि छात्रों और युवाओं को तुरंत उनका अधिकार मिले।
- जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो, जिन्होंने 6 वर्षों तक आरक्षण रोका।
- राजनीतिक सहमति से आगे बढ़ना, यह किसी दल विशेष का नहीं, बल्कि पूरे समाज का मुद्दा है।
- युवाओं का भविष्य सुरक्षित करना, आरक्षण लागू होने से लाखों युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
कांग्रेस का संकल्प
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि ओबीसी आरक्षण केवल कानूनी विषय नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समान अवसर की गारंटी है। पार्टी ने इसे लागू करने के लिए लंबे समय से संघर्ष किया है और अब सर्वदलीय सहमति से संदेश गया है कि ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय अब और नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस ने भरोसा जताया कि वह जनता के बीच इस मुद्दे को उठाती रहेगी और सुनिश्चित करेगी कि आरक्षण का क्रियान्वयन शीघ्र हो तथा हर हकदार को उसका अधिकार मिले।