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सरकारी पैसों से वोट खरीदने का आरोप, MP कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की सख्त कार्रवाई की मांग

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Published On: 21 November 2025

भोपाल में शुक्रवार को कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा से मुलाकात कर बीजेपी शासित राज्यों पर चुनावी लाभ के लिए सरकारी पैसों के उपयोग का बड़ा आरोप लगाया। कांग्रेस ने साफ कहा कि सरकारी योजनाओं के नाम पर मतदाता को प्रभावित करना लोकतंत्र का सीधा अपमान है और चुनाव आयोग अब तुरंत हस्तक्षेप करे। पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, वरिष्ठ नेता जेपी धनोपिया, शाबिस्ता जाकी, प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता, अभिनव बरोलिया, पार्षद गुड्डू चौहान, और अन्य पदाधिकारी इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने के बावजूद “इज्जत धन” के नाम पर महिलाओं के खातों में करीब 130 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इस योजना के तहत 10 हजार रुपये प्रति महिला देकर वोट को प्रभावित करने की कोशिश की गई। पार्टी ने दावा किया कि इसी तरह महाराष्ट्र और अन्य BJP शासित राज्यों में भी सरकारी धन का खुलकर इस्तेमाल कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है।

कही ये बातें

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पहले चुनाव घोषणा के छह महीने पहले तक किसी भी सरकार को नई योजनाओं की घोषणा करने की अनुमति नहीं थी। अब यह अवधि घटाकर तीन माह कर दी गई है और बीजेपी शासन इसे राजनीतिक फायदा लेने के साधन की तरह इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस ने याद दिलाया कि मध्यप्रदेश में भी 2023 के चुनाव से ठीक पहले “लाड़ली बहना” योजना के जरिए 1000 रुपये प्रति माह देकर वोट प्रभावित किए गए थे। प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह इस पूरे पैटर्न पर तुरंत कदम उठाए और साफ नियम लागू करे कि चुनाव अवधि में किसी भी तरह का कैश ट्रांसफर या नई आर्थिक योजना शुरू न की जाए।

सरकारी धन से वोट

उन्होंने यह भी आग्रह किया कि जिन राज्यों में चुनाव नजदीक हैं, वहां सरकारी धन के वितरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। साथ ही, कांग्रेस ने मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की और कहा कि BLO को यह जिम्मेदारी दी जाए कि वे दबाव या निर्देश में आकर किसी परिवार का नाम न काटें और किसी गड़बड़ी की स्थिति में तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचित करें। कांग्रेस का कहना है कि अगर चुनाव आयोग ने तुरंत रोक न लगाई तो “सरकारी धन से वोट” खरीदने का यह मॉडल लोकतंत्र की जड़ें हिलाकर रख देगा।

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