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भोपाल की छात्रा ने मॉक पार्लियामेंट में सीएम से पूछा- सेक्शुअल हरासमेंट जैसे जरूरी मुद्दों पर बहस क्यों नहीं होती?

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Published On: 3 July 2025

भोपाल | गुरुवार को BJP महिला मोर्चा द्वारा भोपाल में आयोजित मॉक पार्लियामेंट में छात्राओं ने महिलाओं से जुड़े गंभीर सवाल बेझिझक उठाए। विपक्ष की भूमिका निभा रहीं नूतन कॉलेज की छात्रा छाया बिलगैंया ने सवाल किया कि सरकार ‘विकसित भारत’ या ‘आपातकाल’ जैसे विषयों पर चर्चा कराती है, मगर यौन उत्पीड़न जैसे संवेदनशील मुद्दे अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं। उनका कहना था कि इन मामलों पर न तो बहस होती है और न ही पीड़ितों को इंसाफ मिलता है।

CM ने दिया ये जवाब

छात्रा के सवाल पर प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने जवाब दिया कि मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां इन अपराधों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने भोपाल की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को फांसी तक पहुंचाया। साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।

कांग्रेस पर कसा तंज

संवाद के दौरान उन्होंने छात्राओं से पूछा कि कौन सा जिला ऐसा है जहां कलेक्टर और एसपी दोनों महिलाएं हैं? जब जवाब में नरसिंहपुर कहा गया तो इसे सही बताते हुए उन्होंने जानकारी दी कि शहडोल संभाग में कमिश्नर भी महिला हैं। उन्होंने कहा कि शासन ने महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे लाने की कोशिश की है और प्रशासनिक पदों पर भी उन्हें व्यापक जिम्मेदारी सौंपी गई है। कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर भी तीखा तंज कसा। बोले, “यह ऐसी पार्टी है जिसे कोई भारतीय नाम तक नहीं मिला। उन्होंने कहा, “अगर कोई अपने बच्चों के नाम विदेशी रखेगा तो उसे वहीं जाकर चुनाव लड़ना चाहिए।”

राहुल गांधी पर नाम लिए बिना कटाक्ष करते हुए कहा, “जब पूरा देश पारंपरिक वस्त्रों से जुड़ा है, तब यह भाई हमेशा टीशर्ट में नजर आता है। न खुद को समझ पा रहा है, न देश को।” उन्होंने छात्राओं से यह भी पूछा कि अटल बिहारी वाजपेयी कितने साल तक नेता प्रतिपक्ष रहे? जब उत्तर नहीं मिला तो मुस्कराते हुए बोले, “अब तो चैटजीपीटी खोल लो।”

आपातकाल को लेकर कही ये बात

आपातकाल के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने के लिए लोकतंत्र को दांव पर लगा दिया था। वाजपेयी के हवाले से उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को दुर्गा कहकर संबोधित किया था, लेकिन लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाई।

छात्राओं ने रखी ये बातें

छात्राओं ने भी इस विषय पर अपनी राय रखी। एक ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए संविधान की अनदेखी की। वहीं आयुषी शर्मा नामक छात्रा ने कहा कि संजय गांधी के आदेश पर करीब 1.1 करोड़ लोगों की जबरन नसबंदी कराई गई थी, जो उनके मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन था।

इन लोगों ने कही ये बातें

  • प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान की हत्या हुई थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जो लाल किताब लेकर चलते हैं, उसमें वेणुगोपाल जी ने उस दौर की सच्चाई विस्तार से लिखी है, उसे पढ़ना चाहिए।
  • प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि अमेरिका और यूरोप जैसे देशों ने महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया, इसलिए वे आगे बढ़े। उन्होंने इंदिरा गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि “इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया” जैसे नारों से लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई।
  • पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कोर्ट ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध ठहराया था, लेकिन उन्होंने लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ताक पर रख दिया। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को उस दौर के इतिहास को पढ़कर यह समझना होगा कि लोकतंत्र की रक्षा कितनी जरूरी है।
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