भोपाल | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम राजधानी के अरेरा कॉलोनी स्थित आदमकद प्रतिमा स्थल पर आयोजित किया गया, जिसमें भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर डॉ. मुखर्जी को एक सच्चा राष्ट्रभक्त, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक और दूरदर्शी राजनेता बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने न केवल राजनीतिक विचारधारा को नई दिशा दी, बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए जो संघर्ष किया, वह आज भी प्रेरणास्रोत है।
“एक देश, एक विधान”
डॉ. यादव ने अपने संबोधन में कहा, “डॉ. मुखर्जी ने ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ जैसा स्पष्ट और साहसी नारा देकर भारत की एकता और अखंडता को मजबूत करने का कार्य किया।” उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी के विचार और आदर्श आज नए भारत की नींव हैं, जिन पर आत्मनिर्भर और समरस राष्ट्र का निर्माण संभव हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्री मुखर्जी सिर्फ एक राजनीतिज्ञ नहीं थे, बल्कि राष्ट्रीय चेतना के वाहक थे। वे देश को सांस्कृतिक और वैचारिक एकता के सूत्र में पिरोने के पक्षधर थे और भारतीयता को केंद्र में रखकर समाज के हर वर्ग के लिए काम करने में विश्वास रखते थे।
भाजपा नेताओं ने भी किया नमन
कार्यक्रम में भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने भी संबोधन दिया और डॉ. मुखर्जी के योगदान को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से लेकर भारतीय संविधान में एकरूपता लाने तक, डॉ. मुखर्जी का दृष्टिकोण क्रांतिकारी रहा है।
जनसंघ के संस्थापक, परम श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की 125वीं जयंती पर भोपाल में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।
डॉ. मुखर्जी जी ने “एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चलेंगे” का उद्घोष किया और राष्ट्र की एकता, अखंडता हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। pic.twitter.com/zI71KCcGu0
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 6, 2025
इस मौके पर प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, महापौर मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, पूर्व सांसद आलोक संजर, समाजसेवी रविन्द्र यति, राहुल कोठारी सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित रहे।
125वीं जयंती पर विशेष आयोजन
मुखर्जी की जयंती पर माल्यार्पण के साथ ही उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई और उनके जीवन व योगदान पर वक्ताओं ने विचार साझा किए। उपस्थित जनों ने एक सुर में माना कि डॉ. मुखर्जी का विचार “राष्ट्र सर्वोपरि” आज भी देश के युवाओं के लिए दिशा-सूचक है। मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि देश, विशेषकर युवा पीढ़ी को डॉ. मुखर्जी के सिद्धांतों को आत्मसात करना चाहिए ताकि भारत को एक सशक्त, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाया जा सके।
