MP के CM डॉ. मोहन यादव आज से अपनी टीम के परफॉर्मेंस की गहन समीक्षा शुरू करने जा रहे हैं। समीक्षा की पहली कड़ी में सीनियर मंत्री प्रहलाद पटेल, उदय प्रताप सिंह, तुलसी सिलावट और प्रद्युम्न सिंह तोमर शामिल होंगे। सीएम इन चारों मंत्रियों से दो साल का विस्तृत रिपोर्ट कार्ड मांगेगे और विभागीय प्रदर्शन पर सवाल-जवाब करेंगे।
13 दिसंबर 2023 को शपथ लेने के बाद सरकार अपने दो साल पूरे करने जा रही है। इससे पहले सीएम ने सभी विभागों की कार्यशैली, उपलब्धियां, कमियां और आने वाले वर्षों की प्लानिंग को सामने रखने का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि इस समीक्षा का असर 15 दिसंबर के बाद होने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और मंत्रियों के विभागों में संभावित फेरबदल के रूप में दिख सकता है।
रोडमैप होगा तैयार
बैठकों में दो साल की उपलब्धियों के साथ-साथ अगले तीन साल के टारगेट तय करने पर भी जोर दिया जाएगा। मंत्री और विभागीय अधिकारी सीएम के सामने प्रजेंटेशन देंगे, जिसमें यह बताया जाएगा कि अगले चरण में विभाग को कैसे आगे ले जाना है, क्या सुधार जरूरी हैं और किस तरह की योजनाएं जमीन पर बेहतर तरीके से लागू की जा सकती हैं। मंत्रियों, मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों की ये बैठकें आज और बुधवार को मंत्रालय में चलेंगी। इसके बाद 8 और 9 दिसंबर को खजुराहो में दो दिनों का विशेष समीक्षा सत्र रखा गया है, जहां कई महत्वपूर्ण विभागों की विस्तृत समीक्षा होगी।
आज इन विभागों का होगा विस्तृत मूल्यांकन
आज दोपहर 2 बजे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की बैठक से समीक्षा की शुरुआत होगी। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग, नर्मदा घाटी विकास, जल संसाधन, ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा विभागों की रिपोर्ट पर चर्चा होगी। हर विभाग को अपने कामकाज, चुनौतियों और भविष्य की नीति पर स्पष्ट प्रस्तुति देनी होगी। कल सुबह 11 बजे से डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल अपने विभाग की जानकारी देंगे। इसके बाद सहकारिता, महिला एवं बाल विकास, ओबीसी कल्याण, सामाजिक न्याय, कृषि और उद्यानिकी विभागों की समीक्षा होगी। हर मंत्री को अपने विभाग के काम और कमजोरियों पर सीएम के सवालों का जवाब देना होगा।
खजुराहो में बड़े विभागों का परीक्षा-काल
8 दिसंबर को खजुराहो में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, वाणिज्यिक कर, पशुपालन, नगरीय विकास, जनजातीय कार्य, एमएसएमई और अन्य विभागों की समीक्षा होगी। 9 दिसंबर को लोक निर्माण और पीएचई विभाग की परफॉर्मेंस रिपोर्ट ली जाएगी। यह माना जा रहा है कि इस समीक्षा के आधार पर सरकार अगले चरण की प्रशासनिक रणनीति तय करेगी।
