मुख्यमंत्री मोहन यादव के मंत्रियों और विभागों की दो साल की समीक्षा करने के ऐलान पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तीखा पलटवार किया है। पटवारी ने इसे “दिखावटी समीक्षा” बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पास राज्य का सबसे बड़ा और सबसे संवेदनशील गृह विभाग है। देश के गृह मंत्रालय ने अपने आधिकारिक आंकड़ों में साफ कहा था कि मध्यप्रदेश का गृह विभाग सबसे निकम्मा है। मुख्यमंत्री को सबसे पहले अपनी ही समीक्षा करनी चाहिए।
पटवारी ने कहा कि जब केंद्र सरकार तक प्रदेश के गृह विभाग की कमियों पर सवाल उठा चुकी है, तो मुख्यमंत्री को दूसरों की रिपोर्ट कार्ड मांगने से पहले खुद जवाब देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है, और सरकार इसे सुधारने के बजाय आंकड़ों में भ्रम फैलाने में लगी है।
कृषि विभाग पर तीखे सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष ने कृषि विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नकली बीज घोटाले, परमिट दुरुपयोग, बीमा कंपनियों की मिलीभगत और CAG की टिप्पणियाँ कृषि विभाग की खराब स्थिति का प्रमाण हैं। पटवारी ने पूछा, “क्या मुख्यमंत्री कृषि मंत्री पर किसी कार्रवाई का साहस दिखाएंगे?”
स्कूल शिक्षा विभाग
पटवारी ने दावा किया कि स्कूल शिक्षा विभाग में 50 लाख बच्चे व्यवस्था से गायब हो चुके हैं, जबकि बजट 7,000 करोड़ से बढ़कर 37,000 करोड़ तक पहुंच गया। उन्होंने इसे “व्यवस्था का ढहना और भ्रष्टाचार का बढ़ना” करार दिया। उनका कहना था कि शिक्षा मंत्री को पहले यह बताना चाहिए कि बच्चों की संख्या क्यों घट रही है और बढ़ा हुआ बजट आखिर खर्च कहाँ हो रहा है।
कई विभागों पर घोटालों के आरोप
कांग्रेस नेता ने परिवहन विभाग पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने टोल बंद करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक सभी टोल यथावत संचालित हो रहे हैं। इसके साथ ही सहकारिता, ग्रामीण विकास और उपार्जन विभागों में अनियमितताओं की लंबी सूची गिनाई।
स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल
पटवारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से 26 बच्चों की मौत हुई, नकली दवाइयों के मामलों में कार्रवाई नहीं हुई, और CAG की 500 पृष्ठों की रिपोर्ट विभाग की विफलताएँ उजागर करती है। उन्होंने कहा कि सरकार इन सवालों को टाल रही है।
PWD पर भी हमला
PWD विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पटवारी ने कहा कि पुल झुक रहे हैं, सड़कें धंस रही हैं और सरकार 40% कमीशन की नीति पर चल रही है। उन्होंने चुनौती दी कि भाजपा का कोई विधायक बता दे कि उसके क्षेत्र में कोई सरकारी काम बिना रिश्वत के होता है। पटवारी ने घोषणा की कि अब कांग्रेस हर मंत्री और हर विभाग की सार्वजनिक समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई भाजपा मंत्री खुद को ईमानदार बताता है, तो हम उसके विभाग का काला चिट्ठा सामने रख देंगे।
अंत में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को “दिखावटी समीक्षा” नहीं, बल्कि “साहसिक कार्रवाई” करनी चाहिए।
“जनता सब देख रही है। अब बहानों और बचाव का दौर खत्म हो चुका है।”
