भोपाल | मध्यप्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाले को लेकर सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। विधानसभा परिसर में मंगलवार को कांग्रेस विधायकों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार को घेर लिया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में सभी कांग्रेस विधायक गांधी प्रतिमा के सामने एकजुट हुए और पुलिस की प्रतीकात्मक वर्दी पहनकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
घोटाले के विरोध में आयोजित इस अनोखे प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस विधायकों ने “भ्रष्टाचार की सरकार नहीं चलेगी”, “युवाओं का हक मत छीनो” जैसे नारों से विधानसभा परिसर को गूंजा दिया। उमंग सिंघार ने इसे “व्यापमं पार्ट-2” की संज्ञा देते हुए कहा कि प्रदेश में एक बार फिर परीक्षाओं की पवित्रता को कुचला जा रहा है।
परीक्षा में फर्जीवाड़ा
मीडिया से बात करते हुए सिंघार ने कहा कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा बेहद गंभीर है। असली उम्मीदवारों की जगह सॉल्वर को परीक्षा में बैठाया गया। जांच में खुलासा हुआ है कि फिंगरप्रिंट से लेकर फोटो, हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग तक अलग हैं। फर्जी आधार कार्डों के सहारे एक संगठित गिरोह ने भर्ती प्रक्रिया को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने इस घोटाले को युवाओं के भविष्य के साथ खुला मज़ाक बताया। 7411 पदों के लिए की गई भर्ती प्रक्रिया अब संदेह के घेरे में है। हजारों मेहनती युवाओं के साथ अन्याय हुआ है, और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।”
दी चेतावनी
सिंघार ने मांग की कि इस पूरे मामले की उच्च न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष न्यायिक जांच हो और दोषियों को कठोर सज़ा दी जाए। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता खत्म कर दी है और भ्रष्टाचार को खुला संरक्षण मिल रहा है।उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, कांग्रेस का संघर्ष सिर्फ विधानसभा के भीतर ही नहीं, बल्कि सड़कों पर भी जारी रहेगा।
