भोपाल | मध्यप्रदेश की सड़कों की बदहाली और सार्वजनिक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के विवादित बयान “जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे रहेंगे” ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने इसे “संवेदनहीनता और गैरजवाबदेही की पराकाष्ठा” बताते हुए प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है।
शहरों की सड़कों में नहीं, गड्ढों में सड़कें
पटवारी ने कहा कि ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, इंदौर, सतना, रीवा, छिंदवाड़ा और सागर जैसे प्रमुख शहरों की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। मानसून ने सड़कों की गुणवत्ता की पोल खोल दी है। लोग गिर रहे हैं, घायल हो रहे हैं, और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं — लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
“जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे रहेंगे!”
तो क्या आप,
झांझ-मंजीरा बजाने,
के लिए “मंत्रीजी” बने हैं?@MPRakeshSingh pic.twitter.com/T2eYjouTD3— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) July 10, 2025
सरकार द्वारा सड़क निर्माण और मरम्मत पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद, सड़कों की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। पटवारी ने आरोप लगाया कि एक ही सड़क पर बार-बार मरम्मत के नाम पर बिल पास किए गए और ठेकेदारों को भुगतान हुआ। आरटीआई और विभागीय रिपोर्टों में स्वीकार किया गया है कि प्रदेश की आधी से ज़्यादा सड़कें “खराब” या “बहुत खराब” श्रेणी में हैं।
“सरकार के मंत्री बेशर्म”
पटवारी ने कहा, “जब सड़कें ही जानलेवा हो गई हों, तब एक मंत्री का यह कहना कि ‘गड्ढे हमेशा रहेंगे’, आमजन के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। यह न केवल लापरवाही है, बल्कि जनता की सुरक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता का प्रतीक भी है।”
क्या टैक्स गड्ढों के लिए दे रही है जनता?
कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि क्या नागरिक टैक्स इसलिए देते हैं कि वे जान जोखिम में डालकर यात्रा करें? “सड़कें सरकार की बुनियादी जिम्मेदारी हैं। लेकिन यहां तो गड्ढों को स्थायी बना दिया गया है।” वहीं, पटवारी ने घोषणा की कि यह लड़ाई सिर्फ सड़कों की नहीं, बल्कि जनता के हक, भरोसे और जीवन की है। कांग्रेस गांव-गांव, शहर-शहर जाकर इस मुद्दे को जनता के बीच उठाएगी। पार्टी विधानसभा में भी इस पर सरकार को घेरेगी।