भोपाल | मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को उस समय गरमा गया जब कांग्रेस विधायकदल ने जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। मामले की अगुवाई नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने की, जिनका कहना है कि सरकार के लिए देशभक्ति से ज्यादा वोट बैंक और मंत्री की कुर्सी अहम हो गई है।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर था बयान
विवाद की जड़ है मंत्री विजय शाह का वह विवादित बयान, जिसे लेकर उन पर सेना और कर्नल सोफिया कुरैशी का सार्वजनिक अपमान करने का आरोप है। विपक्ष का कहना है कि यह न केवल सेना जैसे अनुशासित बल का अपमान है, बल्कि देश की अस्मिता और गौरव के साथ खिलवाड़ है। इसके बावजूद सरकार की चुप्पी विपक्ष को नागवार गुज़री।
कांग्रेस का सदन में विरोध
सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने शाह को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग बुलंद की। जब इस पर बोलने का अवसर नहीं मिला, तो विपक्षी विधायक सदन में ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद वॉकआउट किया गया, लेकिन दोबारा लौटने पर भी विरोध जारी रहा। अंततः हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
उमंग सिंघार ने लिया आडे हाथ
मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, “यह सिर्फ एक मंत्री का बयान नहीं, बल्कि देश की सेना का अपमान है। खासकर जब बात एक महिला कर्नल की हो, तो यह और भी निंदनीय हो जाता है। विजय शाह को आज भी सदन में बैठा देखकर यह साफ हो गया कि सरकार की चुप्पी मौन सहमति है।”
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार जी के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक दल ने किसानों को होने वाली समस्याओं पर सरकार के खिलाफ किया जोरदार प्रदर्शन।@DrMohanYadav51
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सिंघार ने दो टूक कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर पीछे हटने वाली नहीं है और जब तक विजय शाह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया जाता, विरोध जारी रहेगा।
सेना के सम्मान पर सख्त रुख
यह पूरा घटनाक्रम दिखाता है कि कांग्रेस इस मुद्दे को सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान से जुड़ा मामला मान रही है। पार्टी ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में वह इस विवाद को सड़क से सदन तक ले जाने को तैयार है।
