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रीवा में फर्जी अनुकंपा भर्ती विवाद गर्माया, पूर्व DEO को हटाने की मांग तेज; कमिश्नर ने 15 दिन का दिया समय

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Published On: 18 November 2025

रीवा में फर्जी अनुकंपा नियुक्तियों का मामला एक बार फिर गरमा गया है। इस पूरे विवाद के केंद्र में हैं। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी सुदामालाल गुप्ता, जिन पर 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्ति कराने का आरोप है। अब उन्हें सहायक संचालक बनाए जाने पर लोगों का गुस्सा भड़क गया है। सोमवार को सामाजिक संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर बी.एस. जामोद से मिला और गुप्ता को पद से हटाने की जोरदार मांग की। कमिश्नर ने बातचीत में भरोसा दिलाया कि 15 दिनों में जरूरी कार्रवाई की जाएगी। इसी आश्वासन के बाद 12 नवंबर से चल रहा धरना अभी के लिए स्थगित कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

रीवा में कुछ समय पहले 6 लोगों ने अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर फर्जी तरीके से नौकरी ले ली थी। कागजों में माता-पिता को मृत दिखाकर जॉब हासिल कर ली गई, जबकि जांच में सामने आया कि उनके माता-पिता तो कभी विभाग में नौकरी पर थे ही नहीं। इसी मामले में 7 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी यानी 420 का केस दर्ज हुआ था। सवाल यह है कि जिन नियुक्तियों पर पूर्व DEO के ही हस्ताक्षर हैं, उन्हीं पर विभाग ने कार्रवाई तो की, लेकिन गुप्ता को निलंबन के बाद प्रमोशन कैसे मिल गया?

छोटों पर कार्रवाई

सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी का कहना है कि विभाग ने सिर्फ निचले स्तर के लोगों पर कार्रवाई कर अपना पल्ला झाड़ लिया, जबकि नियुक्ति तो DEO के हस्ताक्षर से ही हुई थी।
उनका कहना था कि जब इन्हें निलंबित किया था, तब संपत्ति और पूरे मामले की जांच होनी चाहिए थी, लेकिन उल्टा उन्हें प्रमोशन दे दिया गया। इससे दूसरे भ्रष्ट अफसरों को क्या संदेश जाएगा?

धरना स्थगित

देश बचाओ आध्यात्मिक राष्ट्रीय पुनर्जागरण अभियान’ के बैनर तले कमिश्नर ऑफिस के सामने 12 नवंबर से धरना चल रहा था। सोमवार को प्रतिनिधिमंडल की कमिश्नर से मुलाकात के बाद इसे फिलहाल रोक दिया गया। बैठक करीब आधे घंटे चली, जिसमें कई सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की गई। संगठन के सदस्यों ने साफ कहा कि वे सिर्फ कार्रवाई की टाइमलाइन चाहते हैं और कमिश्नर ने 15 दिन का समय दे दिया है।

क्या होगा आगे?

कमिश्नर जामोद ने आश्वासन दिया है कि तय समय में जांच पूरी कर पूर्व DEO सुदामालाल गुप्ता को उनकी वर्तमान पोस्टिंग से हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। अब नजर इस बात पर है कि अगले 15 दिनों में वास्तव में कार्रवाई होती है या मामला फिर फाइलों में दबा रह जाता है।

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