MP के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि इस बार किसी भी किसान को अपनी सोयाबीन फसल औने-पौने दामों में बेचनी नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की मेहनत का सम्मान करना जानती है और हर किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में इस साल सोयाबीन की अच्छी पैदावार हुई है। लेकिन बाजार में दामों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए किसानों को नुकसान न हो, इसके लिए सरकार ने भावान्तर योजना को फिर से पूरी मजबूती के साथ लागू किया है।
किसानों का पंजीयन
डॉ. यादव ने कहा कि योजना के तहत किसानों का पंजीयन 17 अक्टूबर 2025 तक किया जा सकेगा। जो भी किसान अपनी फसल इस अवधि में बेचेंगे, उन्हें बिक्री के 15 दिनों के भीतर भाव में जो भी अंतर रहेगा, उसकी राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी। इससे किसानों को बाजार भाव गिरने की चिंता नहीं करनी होगी।
अधिकारियों को निर्देश
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जिला और तहसील स्तर पर कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी किसान को पंजीयन या भुगतान में परेशानी न हो। सभी किसानों को योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जा रही है ताकि कोई भी पात्र किसान इसका लाभ लेने से वंचित न रह जाए।
भावान्तर योजना…
मेहनत का सम्मान, हर हाल में सोयाबीन फसल का उचित दाम।
योजना के अंतर्गत 17 अक्टूबर 2025 तक पंजीयन जारी रहेगा। फसल बिक्री के 15 दिन के भीतर भाव में अंतर की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जाएगी।#किसान_हितैषी_मोहन_सरकार pic.twitter.com/JKFj0iQF4o
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 7, 2025
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि किसान अपनी मेहनत से उपजाई फसल का पूरा हक पा सके। डॉ. यादव ने किसानों से अपील की कि वे अपना पंजीयन समय पर कराएं और किसी भी दलाल या बिचौलिए के झांसे में न आएं।
भावान्तर योजना
राज्य शासन के अनुसार, सोयाबीन के साथ अन्य खरीफ फसलों पर भी भावान्तर योजना का लाभ मिलेगा। सरकार ने दावा किया है कि इस बार भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और किसी भी स्तर पर देरी नहीं की जाएगी। किसानों के लिए यह घोषणा राहत भरी मानी जा रही है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार तय समय पर भावांतर राशि उनके खातों में जमा करती है, तो उन्हें अपनी फसल का सही दाम मिलने में बड़ी मदद मिलेगी।