भोपाल | राजधानी भोपाल के चर्चित कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बुधवार को कोहेफिजा थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। यह मामला उनके कॉलेज की मान्यता से जुड़ा हुआ है। दरअसल, हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में पहले ही साफ निर्देश दिए थे कि न केवल विधायक बल्कि इसमें शामिल रहे अधिकारियों के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
कॉलेज मान्यता से जुड़ा विवाद
जानकारी के अनुसार, मसूद के ट्रस्ट द्वारा संचालित एक कॉलेज की मान्यता को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आई थीं। शिकायतकर्ता ने इस मामले को अदालत तक पहुंचाया। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि मान्यता देने की पूरी प्रक्रिया में कई नियमों की अनदेखी की गई है। अदालत ने कहा था कि केवल कॉलेज प्रबंधन ही नहीं, बल्कि जिन अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर मान्यता दी, उनकी भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
हाईकोर्ट का सख्त रुख
हाल ही में हाईकोर्ट ने इस मामले पर आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कहा था कि विधायक मसूद और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया था कि विवेचना पूरी होने के बाद दोषी अधिकारियों को भी आरोपी बनाया जाए। कोर्ट ने इस केस की जांच को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की बात कही थी।
SIT करेगी मॉनिटरिंग
अदालत ने जांच की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एडीजी स्तर के अधिकारी की मॉनिटरिंग में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी आदेश दिया था। यही वजह रही कि बुधवार को पुलिस ने कोहेफिजा थाने में विधिवत रूप से एफआईआर दर्ज कर ली। अब एसआईटी की निगरानी में आगे की जांच होगी और अधिकारियों की संलिप्तता की परतें भी धीरे-धीरे खुलेंगी।
राजनीतिक हलचल तेज
इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। विपक्ष इसे शासन की नाकामी बता रहा है, जबकि समर्थक इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं। हालांकि, पुलिस और प्रशासन फिलहाल कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए इसे केवल कानूनी प्रक्रिया बता रहे हैं।
