MP के राज्य पुलिस सेवा के 5 अधिकारियों के लिए बड़ा दिन तय हो गया है। लंबे समय से लंबित 1997-98 बैच की पदोन्नति प्रक्रिया आखिरकार आगे बढ़ी है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने जिन पांच नामों पर सहमति जताई है, उन्हें अब भारतीय पुलिस सेवा (IPS) कैडर में शामिल किया जाएगा। दिल्ली में हुई चयन समिति (DPC) की बैठक में इन नामों पर अंतिम मोहर लगी।
हालांकि, इस सूची के फाइनल होने के पीछे कई पेंच भी नजर आए। वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी सीताराम ससत्या का नाम था, लेकिन उनके खिलाफ एक विभागीय प्रकरण लंबित होने के कारण चयन समिति ने उन्हें क्लियर नहीं किया। इसी तरह सूची में दूसरे नंबर पर आने वाले अमृत मीणा का मामला भी कोर्ट में उनके जाति प्रमाण पत्र विवाद के कारण अटक गया। दोनों के प्रकरण लंबित रहने से उनके ऊपर के अधिकारी चयन सूची से बाहर हो गए।
देखें नाम
ऐसे में DPC ने आगे की वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर पाँच नामों को IPS पदोन्नति के लिए चुना। UPSC से मंजूरी मिलने के बाद जिन अधिकारियों का IPS में चयन पक्का हुआ है, वे हैं
- विक्रांत मुराब
- सुरेंद्र कुमार जैन
- आशीष खरे
- राजेश रघुवंशी
- निर्मिषा पांडे
कई महीनों से थी अटकी
इन नामों के फाइनल होने के साथ ही मध्य प्रदेश के IPS कैडर में नई ऊर्जा जुड़ने जा रही है। पदोन्नति की यह प्रक्रिया पिछले कई महीनों से अटकी हुई थी। फाइल दिल्ली-भोपाल के बीच आने-जाने में अटकती रही और कई बार बैठकें टलती रहीं। आखिरकार UPSC की सहमति मिलते ही राज्य सरकार ने भी राहत की सांस ली है। सूत्र बताते हैं कि सूची में शामिल सभी अधिकारियों की सेवा रिकॉर्ड, ईमानदारी, फील्ड पोस्टिंग और लंबित प्रकरणों की गहन जांच के बाद DPC ने अंतिम फैसला लिया। अब औपचारिक आदेश जारी होने के बाद यह अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा की वर्दी का गौरव प्राप्त कर सकेंगे।
नई उम्मीदें
राज्य पुलिस सेवा के भीतर भी इस पदोन्नति को लेकर काफी उत्साह है। लंबे समय से प्रतीक्षित IPS प्रमोशन ने 1997–98 बैच के अधिकारियों के लिए नई उम्मीदें खड़ी कर दी हैं। वहीं जो अधिकारी लंबित प्रकरणों के चलते इस बार बाहर हुए हैं, उनके मामलों के निपटारे के बाद भविष्य में मौका मिलने की संभावना बनी हुई है।
