MP के 7 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी और अधिकारी नई छुट्टी व्यवस्था में काम करेंगे। वित्त विभाग ने सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे और इसके साथ ही 1978 के पुराने नियम समाप्त हो जाएंगे। नए नियमों में महिला कर्मचारियों की संतान पालन अवकाश (Child Care Leave) में बड़ा परिवर्तन किया गया है। अब तक पूरा 730 दिन का अवकाश 100% वेतन के साथ मिलता था, लेकिन अब:
- पहले 365 दिन – 100% वेतन
- अगले 365 दिन – 80% वेतन मिलेगा।
महिला कर्मचारी यह अवकाश एक साथ लें या हिस्सों में, 365 दिन के बाद सिर्फ 80% वेतन ही मिलेगा। सरोगेसी से जन्मे बच्चे की देखभाल करने वाली महिला कर्मचारी को भी यह सुविधा मिलेगी। नए नियमों में Adoption Leave का प्रावधान भी जोड़ा गया है, जो कर्मचारी बच्चा दत्तक लेते हैं, वे उसकी एक साल की उम्र तक अवकाश ले सकेंगे। यह सुविधा महिला और पुरुष दोनों को मिलेगी।
मंजूरी जरूरी
अब सभी कर्मचारियों को हर वर्ष 30 दिन Earned Leave मिलेगी। यह दो किस्तों में मिलेगी कि 15 दिन जनवरी-जून, 15 दिन जुलाई-दिसंबर… किसी भी कर्मचारी को एक बार में 5 साल से ज्यादा का लगातार अवकाश मंजूर नहीं होगा। वित्त विभाग ने साफ किया है कि छुट्टी मांगना कर्मचारी का अधिकार नहीं, अंतिम फैसला मंजूरी देने वाले अधिकारी का होगा।
मेडिकल लीव के नियम हुए सख्त
- नए नियमों में मेडिकल अवकाश को लेकर कठोर प्रावधान किए गए हैं।
- मेडिकल सर्टिफिकेट अवकाश की गारंटी नहीं होगा।
- छुट्टी मंजूर करने का निर्णय अधिकारी पर निर्भर करेगा।
- पूरे सेवाकाल में 180 दिन का अर्द्धवेतन अवकाश बिना मेडिकल सर्टिफिकेट भी मिल सकेगा।
- यदि कर्मचारी इस दौरान इस्तीफा देता है, तो पूरा वेतन अंतर वापस करना होगा।
मिलेगी स्टडी लीव
कर्मचारियों को पढ़ाई के लिए अधिकतम 1 वर्ष की स्टडी लीव एक बार में और पूरे सेवाकाल में 24 महीने तक मिल सकेगी। हालांकि, फीस और खर्च स्वयं उठाना होगा। यात्रा भत्ता नहीं मिलेगा। नौकरी पर वापस लौटने के लिए बॉन्ड भरना अनिवार्य होगा। वित्त विभाग ने स्पष्ट किया कि नोटिफिकेशन जारी हो चुका है और 35 दिन बाद यानी 1 जनवरी 2026 से नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके बाद मध्यप्रदेश के लाखों कर्मचारियों की छुट्टी प्रणाली पूरी तरह बदल जाएगी।
