भोपाल,इंदौर | मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले चरण के खत्म होते ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इंदौर के भाजपा विधायकों पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने पूछा है, “क्या इंदौर में अब कोई समस्या ही नहीं बची, जो विधानसभा में एक भी जन मुद्दा नहीं उठाया गया?”
मानसून सत्र का पहला चरण पांच दिनों तक चला, लेकिन इंदौर जिले के 9 में से 8 विधायक पूरे सत्र के दौरान एक भी मुद्दा लेकर खड़े नहीं हुए। केवल एक विधायक ने सवाल पूछा, लेकिन वह प्रश्नकाल समाप्त हो जाने के कारण सदन में चर्चा तक नहीं पहुंच सका। कई विधायक केवल उपस्थिति दर्ज कराकर निकल गए, तो कुछ ने पूरी तरह से मौन धारण किए रखा।
सभी रहे मौन
विधायक कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट ने सवाल नहीं पूछे, लेकिन मंत्री के रूप में जवाब देते रहे। अन्य विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, मालिनी गौड़, मधु वर्मा, उषा ठाकुर आदि पूरे समय मौन ही रहे।
पटवारी ने कही ये बातें
जीतू पटवारी ने कहा कि “इंदौर में क्या सब कुछ इतना परफेक्ट हो गया है कि जनता को अब कोई समस्या ही नहीं है? क्या ड्रेनेज घोटाले, भ्रष्टाचार, रेप और कमीशनखोरी पर चुप्पी भी ‘रामराज्य’ की परिभाषा है?”
गिनाए बड़े मुद्दे
उन्होंने इंदौर के बड़े मुद्दे 92 करोड़ का फर्जी बिल घोटाला, भोपाल गैस कचरे का पीथमपुर में निपटान, नेहरू पार्क निर्माण में कथित भ्रष्टाचार, मनरेगा में फर्जीवाड़ा, सड़क निर्माण में गड़बड़ी, और एक भाजपा नेता पर महिला शोषण का आरोप गिनाए। पटवारी ने यह भी कहा कि पंचायत चुनावों में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और ग्रामीण इलाकों में भूमि पर कब्जों के आरोप भी लगातार सामने आते रहे हैं।
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा विधायकों की यह चुप्पी जनविश्वास के साथ धोखा है। पटवारी ने दो टूक कहा, “सदन लोकतंत्र का मंदिर है, वहां जनता की आवाज उठानी चाहिए थी, लेकिन इंदौर के विधायक तो जैसे सत्ता के बोझ तले दबे बैठे हैं।”