भोपाल | कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बार फिर भाजपा सरकार की शराब नीति पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक ओर बहनों की “कलाई” की रक्षा की बातें करते हैं, वहीं दूसरी ओर “कलाली” यानी शराब की दुकानों की बढ़ोतरी को बढ़ावा देते हैं। पटवारी ने सरकार से पूछा कि क्या अब राखी जैसे पवित्र रिश्तों को भी शराब की राजनीति से जोड़ा जाएगा? उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में जहरीली शराब से हुई 1330 से ज्यादा मौतें भाजपा सरकार की नाकामी का जीता-जागता प्रमाण हैं।
शराब से तबाही
2016 से 2025 के बीच मध्यप्रदेश में जहरीली और नकली शराब पीने से सैकड़ों घर उजड़ चुके हैं। केवल 2024-25 में ही रतलाम, मंदसौर, इंदौर और उज्जैन जैसे जिलों में जहरीली शराब से मौतों की खबरें आई हैं। सरकार की शराब उदार नीति ने समस्या को और बढ़ा दिया है। पीने वालों की संख्या 50% तक बढ़ चुकी है, जो सामाजिक और पारिवारिक संकट को और गहरा कर रही है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS-5) के मुताबिक, प्रदेश में 10.2% महिलाएं तंबाकू और 1% महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। शराब के बढ़ते प्रसार ने घरेलू हिंसा, बच्चों पर अत्याचार और नशे में अपराधों में तेजी से इजाफा किया है। गांव से शहर तक हर वर्ग इससे प्रभावित है।
पिछले 10 सालों (2016-2025) में नकली/जहरीली शराब पीने से मप्र में कुल 1330 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है!
2024-2025 में ही रतलाम, मंदसौर, इंदौर, उज्जैन आदि जिलों में नकली/जहरीली शराब से मौतों की खबरें आई हैं!
मप्र में शराब पीने वालों की संख्या हाल के वर्षों में 50% तक बढ़ गई… pic.twitter.com/NP95c43s78
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) July 28, 2025
धार्मिक स्थलों तक पहुंची शराब
सरकार भले ही 19 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी का दावा करती हो, लेकिन आसपास के इलाकों में खुलेआम महंगी शराब बिक रही है। यह धार्मिक आस्थाओं और जनता की भावना के साथ खुला खिलवाड़ है।
जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री को जनता को धोखा देना बंद करना चाहिए और दिखावे की योजनाओं के बजाय ज़मीन पर असर दिखाने वाली नीति लानी चाहिए। “कलाली” की राजनीति छोड़ें और “कलाई” की मर्यादा बनाए रखें—जनता अब सब देख रही है और आने वाले समय में जवाब भी देगी।
