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जीतू पटवारी का तीखा प्रहार; “जब जवाब ही नहीं मिलना, तो सवाल क्यों पूछें?”

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Published On: 30 July 2025

भोपाल | मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विधानसभा की कार्यवाही पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब सवालों का जवाब देने कोई नहीं आता, तो ऐसे सत्र का मतलब क्या रह जाता है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनप्रतिनिधियों को सिर्फ शोपीस बना रही है। पटवारी का कहना है कि अगर विधायकों के सवालों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, तो यह जनता के अधिकारों का सीधा अपमान है। उन्होंने चेताया कि कांग्रेस इस मुद्दे को सदन में ही नहीं, सड़कों पर भी उठाएगी। उनके मुताबिक लोकतंत्र में सबसे बड़ा हथियार सवाल पूछना है, और जब यह हथियार ही कुंद कर दिया जाए, तो लोकतंत्र कमजोर होता है।

मामला सिर्फ विपक्ष का नहीं है। हैरानी की बात यह है कि भाजपा के अपने ही विधायक अब सदन में जवाबों की अनुपस्थिति से खफा नजर आ रहे हैं। हाल ही में सदन में कई बार ऐसा हुआ जब किसी विभाग से जुड़ा सवाल पूछा गया, लेकिन संबंधित मंत्री या अधिकारी उपस्थित ही नहीं थे। इससे न केवल विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के विधायकों में भी असंतोष बढ़ा है।

नाम न बताने की शर्त

नाम न बताने की शर्त पर एक भाजपा विधायक ने कहा, “हमारे क्षेत्र की समस्याओं पर जब हम सवाल उठाते हैं, तो उम्मीद होती है कि सरकार जवाब देगी। जब कोई सुनने और जवाब देने वाला ही नहीं होता, तो खुद को उपेक्षित महसूस होता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह स्थिति अगर बनी रही तो पार्टी के अंदर ही बेचैनी और बढ़ेगी।

CM स्तर तक पहुंची बात

इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक बात पहुंच चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, खुद मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अमले की लापरवाही पर नाराजगी जताई है और अगली कार्यवाही से पहले सख्त निर्देश देने की तैयारी हो रही है। माना जा रहा है कि जवाबदेही तय करने के लिए एक नई प्रणाली लागू की जा सकती है।

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