भोपाल | MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) के गणेश घाट खंड की जर्जर स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इंदौर-खलघाट मार्ग के नए अलाइनमेंट पर बना गणेश घाट हिस्सा पूरी तरह तबाह हो चुका है। नवंबर 2024 में 109 करोड़ की लागत से बना यह खंड महज कुछ महीनों में गड्ढों में तब्दील हो गया। पत्र में पटवारी ने लिखा है कि 8.8 किमी लंबे इस खंड पर पहली बारिश में ही सैकड़ों गड्ढे बन गए हैं। इनमें से कई इतने गहरे हैं कि पूरी कार तक समा सकती है।
उन्होंने NHAI की उस दलील को ‘हास्यास्पद’ बताया जिसमें कहा गया कि “पहली बारिश में गड्ढे तो बनते ही हैं”। पटवारी ने कहा कि यह बयान जनता की सुरक्षा के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।
गंभीर चिंता का विषय
उन्होंने याद दिलाया कि कुछ समय पहले इंदौर में ट्रैफिक जाम को लेकर कोर्ट में NHAI ने यह दलील दी थी कि लोग घरों से निकलते ही क्यों हैं? यह मानसिकता गंभीर चिंता का विषय है। पटवारी ने दावा किया कि गणेश घाट खंड पर चलने वाले ट्रक और बस चालकों ने उन्हें बताया कि अचानक ब्रेक लगाने की वजह से टक्कर और हादसों का खतरा लगातार बना रहता है।
पैचवर्क की हालत खराब
पत्र में उन्होंने लिखा कि पैचवर्क की हालत भी खराब है। कुछ स्थानों पर डाली गई सामग्री सड़क से उखड़ चुकी है, जिससे बाइक सवार फिसलकर घायल हो रहे हैं। इस नए हिस्से से प्रतिदिन 25 से 30 हजार वाहन गुजरते हैं। गड्ढों की वजह से वाहन चालकों को इस छोटे से खंड को पार करने में 30 से 45 मिनट अतिरिक्त लग रहे हैं।
आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे का गणेश घाट बनने के साथ ही बर्बाद हो गया है!@nitin_gadkari जी,
क्या गड्ढों की कीमत अब 109 करोड़ हो गई है?@PMOIndia | @CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/0GPTOfW5hi— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) July 15, 2025
कार्य की गुणवत्ता खराब
पटवारी ने आरोप लगाया कि निर्माण कंपनी को 5 साल तक रखरखाव का जिम्मा दिया गया है, लेकिन कार्य की गुणवत्ता बेहद खराब है। इससे करोड़ों के भ्रष्टाचार की बू आती है। उन्होंने गडकरी से मांग की है कि पूरे निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और निर्माण में लापरवाही के लिए NHAI की जवाबदेही तय की जाए। पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी है और पूरे मामले में गंभीरता से हस्तक्षेप की मांग की है।