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जीतू पटवारी का MP सरकार पर हमला, ‘हरियाली के नाम पर लुटी गई जनता की गाढ़ी कमाई

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Published On: 22 July 2025

भोपाल | कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश में पिछले दो दशकों से चला आ रहा पौधारोपण कार्यक्रम को “प्रशासनिक भूल” नहीं, बल्कि “गंभीर आर्थिक अपराध” करार दिया है। उनका यह बयान हालिया मुख्यमंत्री के उस स्वीकरण पर आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पौधारोपण में “कुछ गलतियाँ हुई”।

पटवारी ने कहा, “यह कुछ नहीं, बल्कि बहुत-कुछ है! अगर वल्लभ भवन की पुरानी फाइलें खोली जाएं, तो हरित क्षेत्र वृद्ध‍ि के नाम पर हुए हेराफेर की प्रमाणिक दस्तावेजों की लंबी फेहरिस्त मिलेगी।” उन्होंने मुख्यमंत्री से पूरे 2003‑2025 कालखंड में सभी पौधारोपण घोटालों की नए सिरे से निष्पक्ष जांच कराने की मांग दोहराई।

आरोपों का ब्यौरा

  • 2003-2010: योजनाओं का विस्तार हुआ पर पारदर्शिता नहीं, जांच और अनुपालन में लापरवाही बनी रही।
  • 2011-2016: रिकार्ड और वास्तविक आंकड़ों में संगठित अंतर, पौधे जीवित नहीं पाये गए।
  • 2017: नर्मदा तट पर एक दिन में 6‑7 करोड़ पौधे लगाए जाने का दावा किया गया, लेकिन केवल 10‑15% पौधे जीवित मिले। लगभग ₹450‑499 करोड़ सार्वजनिक व्यय फर्जी आंकड़ों में दिखाया गया।
  • 2018-19: कांग्रेस सरकार आने पर विधानसभा में जांच की मांग तेज हुई, आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से कई अधिकारियों की संलिप्तता उजागर की गई।
  • 2019‑20 और 2023‑24: CAMPA से स्वीकृत परियोजनाओं में अनियमितताएं, मजदूरों की फर्जी हाजिरी, अधूरी पाइपलाइन और फेंसिंग, रिपोर्टिंग घोटाले उजागर। बावजूद इसके, ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

पटवारी ने कहा कि इन वर्षों में हजारों करोड़ रुपये पौधारोपण के नाम पर खर्च हुए, लेकिन फोटोग्राफ और रिपोर्टिंग तक के माध्यम से हरित क्षेत्र का केवल भ्रम फैलाया गया।

सरकार का पलटवार

सरकार ने अभी तक इन आरोपों पर विस्तार से प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन भाजपा नेताओं ने पहले ही कई बार ऐसे आरोपों को राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित बताया है। आरोपों की नवीन जांच के संदर्भ में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, पार्टी प्रवक्ताओं ने संकेत दिया है कि यदि कोई सबूत प्रस्तुत किया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी।

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