भोपाल | कांग्रेस ने अब केंद्र और राज्य सरकार की ग्रामीण योजनाओं की जमीनी सच्चाई सामने लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी ने मनरेगा, जल जीवन मिशन, पीडीएस, आंगनवाड़ी, स्कूली शिक्षा और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं जैसी योजनाओं का फिजिकल वेरिफिकेशन कराने का फैसला लिया है। यह काम राजीव गांधी पंचायती राज संगठन (RGPR) को सौंपा गया है।
यह निर्णय भोपाल स्थित गांधी भवन में हुए दो दिवसीय सर्वोदय संकल्प शिविर के समापन सत्र में लिया गया, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि जिला और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी गांव-गांव जाकर योजनाओं की स्थिति की रिपोर्ट तैयार करें और पार्टी को सौंपें। शिविर में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, RGPR के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील पंवार, सीताराम लांबा, प्रदेश अध्यक्ष मोना कौरव सहित संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे।
दो महीने में शुरू होंगी श्रमिक संवाद पदयात्राएं
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मोना कौरव ने बताया कि दो महीने बाद संगठन गांवों में श्रमिक संवाद पदयात्राएं शुरू करेगा। इसका उद्देश्य मनरेगा मजदूरों की समस्याओं और योजनाओं में हो रहे कथित भ्रष्टाचार को उजागर करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा भाजपा सरकार मनरेगा को कमजोर कर रही है, जिससे गांवों में मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। कौरव ने कहा, “फर्जी मजदूरी दिखाकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। हम गांव-गांव जाकर मजदूरों से संवाद करेंगे और उनकी परेशानियां जानेंगे।”
आदिवासी व महिला जनप्रतिनिधियों की भी होगी पड़ताल
शिविर में इस बात पर भी जोर दिया गया कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की महिला सरपंचों या अन्य जनप्रतिनिधियों को कई स्थानों पर दबंग तत्वों द्वारा उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। ऐसे मामलों की भी रिपोर्ट बनाकर कांग्रेस नेतृत्व को सौंपी जाएगी।कांग्रेस का मानना है कि जमीनी हकीकत सामने लाकर वह जनसमर्थन मजबूत कर सकती है। फिजिकल वेरिफिकेशन और संवाद यात्राएं पार्टी के इसी जनसंपर्क अभियान का हिस्सा होंगी।