भोपाल | MP की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा अब लोकतंत्र की बुनियादी मर्यादाएं तोड़कर सरकारी ज़मीन को अपना निजी ठिकाना बना रही है। पटवारी ने इस पूरे प्रकरण को “लोकतंत्र का जागीरतंत्र में बदलना” बताया।
जनता की ज़मीन पर भाजपा का कब्ज़ा
पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि हाल ही में गठित जिलों मऊगंज और पांढुर्णा में भाजपा के स्थायी कार्यालयों के लिए सरकार ने सरकारी ज़मीनें आवंटित कर दी हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब सरकार जनता की ज़मीन केवल एक पार्टी की सुविधा के लिए देगी? क्या अब स्कूल, अस्पताल और आश्रयगृह गैरज़रूरी हो गए हैं?
गुना में उजाड़े गए आदिवासी
गुना जिले का उदाहरण देते हुए पटवारी ने कहा कि भाजपा कार्यालय के निर्माण के लिए वहां डेढ़ बीघा ज़मीन पर बसे पुराने आदिवासी परिवारों को उजाड़ दिया गया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 50-60 सालों से अपने पुश्तैनी घरों में रहने वाले आदिवासी आज सड़क पर हैं और भाजपा वहां आलीशान दफ्तर बना रही है-क्या यही है रामराज्य?
नीमच में 20 करोड़ की ज़मीन पर कब्ज़ा
नीमच जिले का हवाला देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के करीब 20 करोड़ रुपए मूल्य की ज़मीन कब्जाई है। ये लोकतंत्र की तस्वीर नहीं, भाजपा के ‘जागीरतंत्र’ की असली झलक है।
कांग्रेस की तीन बड़ी मांगें
- भाजपा को दी गई सभी सरकारी ज़मीनें तत्काल वापस ली जाएं।
- पूरे मामले की न्यायिक जांच हो और ज़िम्मेदार अधिकारियों व नेताओं पर कार्रवाई हो।
- अगर मांगे नहीं मानी गईं, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी और बड़ा जन आंदोलन छेड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी उड़ रही धज्जियां
पटवारी ने याद दिलाया कि सर्वोच्च न्यायालय पहले ही सरकारी ज़मीनों के राजनीतिक दुरुपयोग पर सख्त टिप्पणी कर चुका है, लेकिन भाजपा सरकार बेखौफ होकर मनमानी कर रही है। अपने बयान का अंत करते हुए पटवारी ने कहा अगर सरकार पीछे नहीं हटी, तो कांग्रेस की अगुवाई में ऐसा जन आंदोलन होगा, जो सिर्फ सरकारी ज़मीन नहीं, सरकार की नींव तक हिला देगा।
