,

खंडवा बना जल संरक्षण का चैंपियन! रायसेन-द्वितीय, बालाघाट-तृतीय; जल गंगा अभियान से बदली गांवों की तकदीर

Author Picture
Published On: 5 July 2025

खंडवा | मध्यप्रदेश में जल संकट की कहानी अब बीते दिनों की बात होती जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में चलाए गए जल गंगा संवर्धन अभियान ने पानी बचाने के लिए जमीन पर इतिहास रच दिया है। शुक्रवार को राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा जारी जिला स्तरीय रैंकिंग में खंडवा ने 92.50 प्रतिशत अंक लेकर पहला स्थान हासिल किया। वहीं रायसेन ने 92.35 फीसदी अंकों के साथ दूसरा और बालाघाट ने 87.56 प्रतिशत के साथ तीसरा स्थान पाया।

खेत-तालाबों से बनी नई पहचान

अभियान के तहत जल संरक्षण के काम को दो श्रेणियों में आंका गया, जिसके तहत ए श्रेणी में जहां 4 या उससे कम जनपद शामिल थे, तो वहीं बी श्रेणी में जहां 5 या उससे अधिक जनपद थे। अनूपपुर (ए श्रेणी) और बालाघाट (बी श्रेणी) ने अपने-अपने वर्ग में शानदार प्रदर्शन कर टॉप पोजीशन पाई। इन जिलों में खेत-तालाबों के निर्माण से न केवल जल स्तर में सुधार हुआ, बल्कि किसानों की उम्मीदें भी लौटी हैं।

जनपद पंचायतों का दमखम

जनपद स्तर पर भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर ए और बी श्रेणी बनाई गई। ए श्रेणी (70 या कम ग्राम पंचायतें) में बालाघाट की बिरसा जनपद पंचायत टॉप पर रहा, तो वहीं बी श्रेणी (71 या अधिक ग्राम पंचायतें) में अनूपपुर की पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत अव्वल रही। इन पंचायतों ने यह दिखा दिया कि इच्छाशक्ति और जनसहभागिता से जल संकट जैसी चुनौती का भी समाधान संभव है।

आंकड़ों से दिखा असर

  • 84,930 खेत-तालाब
  • 1,283 अमृत सरोवर
  • 1,04,294 रिचार्ज पिट
  • 1.67 लाख हेक्टेयर सिंचित भूमि का लक्ष्य

30 मार्च से 30 जून तक चले इस राज्यव्यापी अभियान के चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। मुख्यमंत्री ने उज्जैन में गुड़ी पड़वा से इसकी शुरुआत की थी और समापन खंडवा में किया। ये आंकड़े सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं हैं, इनका असर गांवों की जिंदगी पर साफ देखा जा सकता है।

सीएम का संकल्प- हर बूंद खेत तक

डॉ. मोहन यादव ने कहा, “पानी की एक-एक बूंद अब खेतों की मुस्कान बनेगी। यह सिर्फ योजना नहीं, जनआंदोलन है।”
उन्होंने बताया कि अभियान ने सिर्फ जल स्रोतों को जिंदा नहीं किया, बल्कि जनजागरण और प्रशासनिक समर्पण की नई इबारत लिखी है। अब प्रदेश सरकार इन संरचनाओं की मॉनिटरिंग और स्थायित्व सुनिश्चित करने की योजना बना रही है। पंचायतों और ग्रामीण समुदायों को इसके रख-रखाव में जोड़ा जाएगा।

जल गंगा संवर्धन अभियान ने मध्यप्रदेश को जल संरक्षण की राष्ट्रीय रेस में सबसे आगे कर दिया है। अब गांवों में पानी है, उम्मीद है… और भविष्य सुरक्षित।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp