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मौलाना विवाद से गरमाई सियासत, दिग्विजय सिंह पर सिद्धार्थ तिवारी का हमला; पूर्व CM ने दिया नरम जवाब

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Published On: 21 September 2025

रीवा जिले की त्योंथर विधानसभा से भाजपा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर तीखा हमला बोला है। हाल ही में एक कार्यक्रम के मंच से सिद्धार्थ ने दिग्विजय सिंह को “मौलाना” कहकर संबोधित किया और उन्हें अपने परिवार की परंपराओं और संस्कारों के अनुरूप चलने की नसीहत दी।

सिद्धार्थ ने कहा कि उन्हें कांग्रेस की नीयत और चरित्र से बेहतर कोई नहीं जानता। उन्होंने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह वही नेता हैं जिन्होंने कभी आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को “ओसामा जी” कहकर संबोधित किया था। सिद्धार्थ के इस बयान से विंध्य की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है।

दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया

इस पर दिग्विजय सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी, लेकिन उनका लहजा पूरी तरह अलग रहा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि सिद्धार्थ उनके पुत्र समान हैं। दिग्विजय के इस जवाब को राजनीतिक गलियारों में नरमी और बड़ेपन के संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

सिद्धार्थ तिवारी के दादा और कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी, दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री कार्यकाल (1993–2003) के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे थे। उन्हें विंध्य का “सफेद शेर” कहा जाता था। कहा जाता है कि जब भी दिग्विजय सिंह विंध्य आते थे तो कहते थे कि वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन विंध्य के मुख्यमंत्री श्रीनिवास तिवारी ही हैं।

भाजपा पर निशाना

दिग्विजय सिंह पर निशाना साधना भाजपा नेताओं के लिए कोई नई बात नहीं है। दो महीने पहले ही विधायक प्रीतम लोधी ने उनके कार्यकाल पर तंज कसते हुए कहा था कि उस समय सड़कों की हालत ओम पुरी जैसी थी, जबकि भाजपा सरकार ने उन्हें श्रीदेवी जैसी सुंदर बना दिया है।

दिग्विजय सिंह अपने बयानों को लेकर भी अक्सर विवादों में रहते हैं। करीब तीन महीने पहले ग्वालियर दौरे पर उन्होंने कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान कहा था, “कांग्रेस से जोड़ो, दिग्विजय सिंह जाए भाड़ में”। उनके इस बयान पर भी राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा हुई थी।

अब सिद्धार्थ तिवारी के मौलाना वाले बयान और दिग्विजय सिंह के नरम जवाब ने एक बार फिर विंध्य की सियासत को सुर्खियों में ला दिया है। भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच यह मुद्दा तेजी से चर्चा का विषय बन गया है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराएगा।

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