भोपाल | शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार के गंभीर प्रयासों के तहत सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने शनिवार को नरेला विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन गोविंदपुरा शासकीय सांदीपनि विद्यालय का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने निर्माण की प्रगति का गहराई से मूल्यांकन किया और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान मंत्री सारंग ने निर्माण में हो रही देरी पर नाराज़गी जताई और संबंधित अधिकारियों, निर्माण एजेंसी को स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य को गुणवत्ता के साथ तय समय-सीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता शिक्षा के ढांचे को सशक्त करना है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस
मंत्री सारंग ने बताया कि गोविंदपुरा का यह शासकीय स्कूल केवल एक इमारत नहीं, बल्कि मॉडल स्कूल और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां बच्चों को आधुनिक क्लासरूम, विज्ञान, गणित और कंप्यूटर की प्रयोगशालाएं, बास्केटबॉल कोर्ट, बड़ा खेल मैदान, पुस्तकालय और डिजिटल शिक्षण जैसी सुविधाएं मिलेंगी। विद्यालय में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर आवश्यक सुविधा सुनिश्चित की जा रही है।
मध्यप्रदेश सरकार विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है…
आज गोविंदपुरा में निर्माणाधीन सांदीपनि स्कूल का निरीक्षण कर विद्यार्थियों की सुरक्षा और सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए संबंधितों को तय समयावधि में गुणवत्तापूर्ण कार्य को पूर्ण करने हेतु निर्देशित… pic.twitter.com/2qOfc66Lhn
— विश्वास कैलाश सारंग (@VishvasSarang) July 12, 2025
बैठक व्यवस्था भी होगी गाइडलाइन के अनुसार
मंत्री सारंग ने यह भी निर्देश दिए कि कक्षाओं में विद्यार्थियों की बैठने की व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप हो। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि शाला भवन की आंतरिक संरचना और साज-सज्जा इस तरह की जाए, जिससे बच्चों को प्रेरणादायक और अनुकूल शैक्षणिक वातावरण मिले।
शासकीय विद्यालयों को मिलेगी नई पहचान
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से भी अधिक सुविधाजनक और गुणवत्तापूर्ण बनाने का संकल्प लिया गया है। गोविंदपुरा का यह स्कूल उस दिशा में एक प्रेरणास्रोत बनेगा और क्षेत्र के हजारों विद्यार्थियों के भविष्य को नई दिशा देगा। निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारी और निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
