पचमढ़ी में चल रहे MP कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष संगठन सृजन प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन माहौल कुछ अलग ही था। आज के सत्र का विषय था कि जेंडर सेंसटाइजेशन यानी लैंगिक संवेदनशीलता और जेंडर जागरूकता। यह सत्र जितना जरूरी था, उतना ही प्रेरक भी साबित हुआ। कार्यक्रम की कमान संभाली थी सोनल पटेल ने, जो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्व सचिव और अहमदाबाद सिटी कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने शुरुआत से ही अपने विचारों से उपस्थित जिला अध्यक्षों और पदाधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया। सोनल पटेल ने बड़े सधे हुए शब्दों में कहा कि जेंडर समानता सिर्फ किसी कानून की बात नहीं है, यह हमारे सोचने और व्यवहार करने का तरीका है। जब तक समाज का हर व्यक्ति इसे अपने भीतर नहीं उतारेगा, तब तक असली समानता संभव नहीं।
उन्होंने अपने वक्तव्य में समाज में महिलाओं की भूमिका, उनकी पहचान और आज की चुनौतियों पर बेबाकी से बात की। उन्होंने बताया कि किस तरह महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन अब भी उन्हें कई अदृश्य दीवारों से जूझना पड़ता है। सोनल पटेल ने कहा कि संगठन को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि महिलाओं की भागीदारी केवल नाम के लिए नहीं, बल्कि नेतृत्व स्तर तक दिखाई दे।
जेंडर सेंसटाइजेशन
सत्र के दौरान उन्होंने कई व्यावहारिक उदाहरणों के जरिए समझाया कि जेंडर सेंसटाइजेशन केवल महिलाओं के अधिकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सोच है कि हर व्यक्ति को समान सम्मान और अवसर मिले। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति और समाज में बदलाव तभी आएगा जब पुरुष और महिला दोनों इस सोच को अपनाएंगे। सोनल पटेल ने सत्र को संवादात्मक बनाया। उन्होंने प्रतिभागियों से सवाल पूछे, उनके अनुभव सुने और इस पर चर्चा की कि संगठन के स्तर पर लैंगिक समानता को किस तरह लागू किया जा सकता है। कई जिला अध्यक्षों ने अपने-अपने क्षेत्र के अनुभव साझा किए और माना कि यह विषय आज की राजनीति में बेहद जरूरी है।
आंखें खोलने
सत्र के अंत में सभी प्रतिभागियों ने माना कि यह चर्चा उनके लिए आंखें खोलने वाली रही। उन्होंने कहा कि इससे न केवल संगठनात्मक दृष्टिकोण मजबूत हुआ है, बल्कि समाज के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ी है। पचमढ़ी के इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य केवल संगठन को मजबूत बनाना नहीं, बल्कि उसमें मानवीय संवेदनशीलता और सामाजिक संतुलन की भावना पैदा करना भी है और जेंडर सेंसटाइजेशन वाला यह सत्र उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
