भोपाल | MP में OBC आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर सियासत के केंद्र में है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दावा किया है कि 27% ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस की लड़ाई रंग लाई है और सरकार को दबाव में आकर सुप्रीम कोर्ट में दायर अपना जवाब वापस लेना पड़ा है।
पटवारी ने कहा कि भाजपा सरकार ने अदालत में यह स्वीकार किया है कि आगे झूठे तथ्यों के आधार पर दलीलें नहीं दी जाएंगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मोहन सरकार अब कोर्ट के सामने झूठी पैरवी करने से पीछे हट रही है। सच की ताकत के सामने भाजपा की रणनीति ढह गई।
आरक्षण से समझौता नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी साफ किया कि पार्टी किसी भी सूरत में 27% ओबीसी आरक्षण से समझौता नहीं करेगी। पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पूरे प्रदेश में ओबीसी समाज, युवाओं और छात्र संगठनों के साथ मिलकर जनजागरण और आंदोलन करेगी। यह लड़ाई सिर्फ ओबीसी समाज के लिए नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की न्यायप्रियता और सामाजिक समानता की निर्णायक जंग है। पटवारी ने भाजपा सरकार पर झूठे खेल खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि 19 अगस्त को ही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दायर कर ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था। लेकिन जब कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका पर्दाफाश किया, तब सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा।
किया सवाल
उन्होंने सवाल उठाया कि जब संविधान पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देता है, तो मोहन यादव सरकार इसे लागू करने से क्यों भाग रही है? इसके साथ ही कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि वह अब राजनीति छोड़कर संवैधानिक अधिकारों को प्राथमिकता दे और पिछड़े वर्ग के युवाओं को उनका हक दिलाए।
– मप्र की मोहन सरकार 27% ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करना चाहती है! इसीलिए, तमाम तरह के झूठे आक्षेप लगाकर, जनता के असल मुद्दों से ध्यान भटकना चाहती है!
– 19 अगस्त को मप्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल याचिका के विरोध का जवाब दाखिल कर मांग करती है OBC को 27%…
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) August 27, 2025
मुख्य बिंदु
- 27% ओबीसी आरक्षण पर कांग्रेस का दबाव, सरकार कोर्ट में जवाब वापस लेने को मजबूर।
- पटवारी बोले, “यह माफी दिखाती है कि भाजपा ने आरक्षण पर छल और झूठ का सहारा लिया।”
कांग्रेस का ऐलान
आंदोलन, जनजागरण और न्यायालयीन संघर्ष जारी रहेगा।