MP में OBC वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर भोपाल में शनिवार को महाधिवक्ता प्रशांत सिंह की मौजूदगी में बैठक बुलाई गई। बैठक में ओबीसी महासभा, 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे वकील और अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा पीएससी भर्ती में 13 प्रतिशत पदों को अनहोल्ड करना रहा। इस पर कोई ठोस फैसला नहीं हो सका और वकील इसे लेकर नाराज रहे।
सरकार का रुख
महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा कि सरकार 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए तैयार है। लेकिन अगर 13 प्रतिशत पदों को अनहोल्ड किया गया तो दूसरा पक्ष कोर्ट जाएगा और मामला लंबित रह जाएगा। बैठक में मौजूद अधिवक्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी साफ कर चुका है कि सरकार को सीधे कोर्ट में आने की जरूरत नहीं है, लेकिन पदों को अनहोल्ड न करने से लोग कोर्ट जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के वकील वरुण ठाकुर ने बताया कि हाल ही में पीएससी के रिजल्ट में भी 13 प्रतिशत पद हॉल्ड रखे गए हैं। सरकार 23 सितंबर से सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के लिए सभी पक्षों को साथ लेने की कोशिश कर रही है। इस मामले में पहले दिल्ली और मुख्यमंत्री निवास में दो दौर की बैठक हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
13% पदों को लेकर मांगा सुझाव
बैठक में महाधिवक्ता ने सभी पक्षों से लिखित सुझाव मांगे हैं ताकि पद अनहोल्ड करने पर किसी तरह का विवाद न हो और सरकार अपना पक्ष कोर्ट में मजबूती से रख सके। बैठक में उपस्थित सभी ने सरकार के साथ ओबीसी आरक्षण का पक्ष रखने की सहमति दी। इसके लिए अधिवक्ताओं और प्रतिनिधियों से हाथ उठवाकर सहमति ली गई।
ओबीसी महासभा और अन्य वकील जल्द ही महाधिवक्ता को सुझाव ड्राफ्ट करके देंगे। संभव है कि इस मसले पर महाधिवक्ता एक और बैठक बुलाएँ।
मीडिया पर पाबंदी
बैठक के दौरान सभी मोबाइल बाहर रखे गए और मीडिया को फोटो या वीडियो कवरेज की अनुमति नहीं दी गई। बैठक के खत्म होने के बाद ही अधिवक्ताओं ने मीडिया के साथ चर्चा कर मीटिंग के मुद्दों की जानकारी साझा की। बैठक का निष्कर्ष यही रहा कि सरकार 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन 13 प्रतिशत पदों को अनहोल्ड करने का मसला अभी पूरी तरह सुलझा नहीं है और इस पर आगे की योजना महाधिवक्ता प्रशांत सिंह के मार्गदर्शन में तय होगी।