, ,

देशभक्ति बनाम क्रिकेट, शहीदों के परिवार की पीड़ा पर मुनाफे की राजनीति; MP से उठी आवाज

Author Picture
Published On: 14 September 2025

MP इन दिनों राजनीतिक हलचल में है, जहां नेताओं के बयान और जनता की भावनाओं के बीच संतुलन मुश्किल हो गया है। इसी बीच, देशभर में #भारत-#पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर जोश और गुस्सा दोनों देखे जा रहे हैं। कई लोगों की नसों में जैसे गर्म सिंदूर बह रहा था, लेकिन मैच आते ही वह जोश अचानक ठंडा पड़ गया।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देशभक्ति और खेल को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता, खासकर तब जब आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। उनका कहना था कि शहीदों की कुर्बानी के सामने मुनाफे की राजनीति शर्मनाक है और इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि जनता को यह समझना चाहिए कि खेल और मनोरंजन महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उन्हें देशभक्ति और संवेदनशील मुद्दों के ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।

एक्स पर किया पोस्ट

पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ने भी अपने दर्द को बयां किया। उन्होंने कहा कि अब उनके लिए कोई खुशी, कोई उत्साह बचा नहीं है। इनकी आंख का पानी मर चुका है और यह साफ कर दिया कि कुछ घटनाओं में जनता और शहीद परिवार की भावनाओं को नजरअंदाज करना कितना गलत है।

आतंक और बातचीत

विशेषज्ञ और नागरिक दोनों ही मानते हैं कि क्रिकेट जैसी खेल प्रतियोगिताओं को राष्ट्रीय भावनाओं के मुकाबले प्राथमिकता देना सही नहीं है। BCCI और कुछ नेताओं पर भी यह आरोप है कि उनका ध्यान पहले मुनाफे पर होता है, देशभक्ति पर नहीं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या खेल और आतंक एक साथ हो सकते हैं, जब प्रधानमंत्री ने खुद कह दिया है कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकते।

देशभक्ति और खेल के बीच यह टकराव दिखाता है कि समाज में संवेदनशील मुद्दों के प्रति समझ और सम्मान की कितनी कमी रह गई है। शहीद परिवार की पीड़ा और खेल का ग्लैमर जब आमने-सामने आता है, तो भावनाओं की कीमत सबसे ज्यादा चुकानी पड़ती है।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp