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MP में कानून‑व्यवस्था संकट की तस्वीर, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर तंज कसा

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Published On: 31 July 2025

भोपाल | MP कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाल ही में एक वीडियो संदेश जारी करते हुए राज्य की कानून‑व्यवस्था को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। पटवारी ने सीधे शब्दों में कहा कि गृहमंत्री फेल हो रहे हैं! अपराध के आंकड़े चीख रहे हैं! CM ट्रांसफर फैक्ट्री के CEO बन गए हैं!

किया खुलासा

उनका आरोप है कि गृह मंत्री मोहन यादव अपराध नियंत्रण में पूरी तरह विफल रहे हैं। NCRB की रिपोर्ट के हवाले से पटवारी ने यह भी किया खुलासा कि प्रदेश में SC/ST वर्ग की महिलाओं के खिलाफ रोजाना अनुमानतः 41 अपराध दर्ज हो रहे हैं और लगभग 7 महिलाएं प्रतिदिन बलात्कार की शिकार बन रही हैं। इसके अलावा, दलित उत्पीड़न के रोजाना औसतन 16 से अधिक मामले भी सामने आ रहे हैं और साल 2023 में यह संख्या 6,150 से ऊपर रही है

पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्होंने प्रशासनिक स्थिरता के बजाय एक “ट्रांसफर फैक्ट्री” चल रखी है। उन्होंने बताया कि पिछले लगभग 20 महीनों में 325 IAS अधिकारियों का तबादला हो चुका है, जिसमें राजभवन और CM कार्यालय जैसी संस्थाएँ भी शामिल हैं, जिससे प्रशासनिक कामकाज अटक गया है।

कानून‑व्यवस्था चौपट

पटवारी के मुताबिक, गृह मंत्री के नेतृत्व में कानून‑व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। अपराधी बेखौफ हैं, और सरकार का जवाब सिर्फ चयनात्मक कार्रवाई तक सीमित है। इसके अन्दर पटवारी एक मजबूत सवाल उठाते हैं: क्या गृह मंत्री कानून के प्रति उत्तरदायित्व नहीं निभा रहे?

पटवारी ने इस पूरे परिदृश्य को “नाश्वर्य” करार देते हुए कांग्रेस की सरकार इसी तरह की विफलताओं की आगे भी जनता के सामने उजागर करते रहने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। अगर स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो कांग्रेस सशक्त आंदोलन के जरिए सड़क पर उतर सकती है।

इन मुद्दों पर सवाल

  • महिला सुरक्षा: भारत की NCRB रिपोर्टों के अनुसार SC/ST महिलाओं पर यौन और घरेलू हिंसा में हालिया वर्षों में तेज़ी से वृद्धि हुई है और हर दिन दर्ज मामलों की संख्या चिंताजनक है
  • अधिकारियों का जमाव: लंबे समय तक गृह जिलों में तैनात पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को हटाया जा रहा है, लेकिन चर्चित आदेशों के बावजूद भ्रष्टाचार और पक्षपात की शिकायतें बनी हुई हैं
  • प्रशासनिक उथल‑पुथल: मुख्यमंत्री कार्यालय और राजभवन में लगातार IAS अधिकारियों के तबादलों से प्रशासनिक निरंतरता बाधित हुई है, जिससे नीति‑क्रियान्वयन प्रभावित हुआ है
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