भोपाल | मध्य प्रदेश में इन दिनों NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर माहौल गर्म है। यह मामला तब उभरा जब मुस्लिम समुदाय के प्रमुख धार्मिक नेता मुफ्ती-ए-आजम डॉ. मुशाहिद रजा ने अपने समुदाय के नाम एक सार्वजनिक पत्र जारी किया। इस अपील में उन्होंने मुसलमानों से जरूरी दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल सर्टिफिकेट, आधार, पैन आदि तैयार रखने को कहा।
जागरूक रहना जरूरी: मौलाना
पत्र में मौलाना ने लिखा कि देश में एनआरसी, सीएए और एनपीआर को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है और सरकारें इस पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। उन्होंने कहा, “आज नहीं तो कल हमें नागरिकता के दस्तावेज दिखाने होंगे, और ये चीजें एक दिन में तैयार नहीं होतीं।” उन्होंने साफ किया कि उनका उद्देश्य डर फैलाना नहीं, बल्कि समाज को तैयार और सतर्क रखना है।
चांद कादरी ने कहा- डराने की नहीं, चेताने की जरूरत
धार्मिक विद्वान मौलाना चांद कादरी ने बयान का समर्थन करते हुए कहा कि समाज के कई लोग आज तक मतदाता सूची में भी नाम नहीं जुड़वा पाए हैं। ऐसे में जरूरी दस्तावेज तैयार करना समय की मांग है। उन्होंने भरोसा जताया कि अगर एनआरसी लागू भी होती है, तो देश से किसी को निकाला नहीं जाएगा।
सरकार ने दी सफाई
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “फिलहाल केंद्र या राज्य स्तर पर एनआरसी को लेकर कोई गाइडलाइन या आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है। लोग अफवाहों के आधार पर घबराएं नहीं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि आधी-अधूरी सूचनाओं के आधार पर बयानबाजी करने से अनावश्यक भय का माहौल बनता है, जिससे बचना चाहिए।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने मुफ्ती-ए-आजम की अपील का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “देश के अल्पसंख्यकों सहित कई वर्गों को सरकार की नीयत पर भरोसा नहीं है। कभी भी कोई फैसला थोप दिया जाता है।” उन्होंने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया।