भोपाल | मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेश में पूजन सामग्री उत्पादन इकाइयों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में धार्मिक दृष्टि से लोक विकसित किए जा रहे हैं, जहां धार्मिक आयोजनों में कुमकुम, रोली, अष्टगंध, सिंदूर, चंदन पाउडर, हल्दी पाउडर, गुलाल, अबीर, रंगोली, कपूर, गंगाजल, चावल, पंचमेवा, धूपबत्ती, अगरबत्ती, साम्बरानी कप, हवन सामग्री, कपास की बाती एवं फुलबाती जैसी वस्तुओं की भारी मांग रहती है। इस दृष्टि से स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए ऐसे उद्योगों की स्थापना आवश्यक है।
योजना से मिलेगा लाभ
प्रदेश में पूजन सामग्री उत्पादन करने वाली इकाइयों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का लाभ दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत इच्छुक उद्यमी बिना गारंटी का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी।
पंजीयन की प्रक्रिया आसान
इन इकाइयों का पंजीयन एमपी ऑनलाइन के माध्यम से किया जा सकता है। पंजीकृत इकाइयों को 1 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक का बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। योजना का संचालन जिला एवं व्यापार उद्योग केंद्र द्वारा किया जा रहा है, जबकि जिला पंचायत कार्यालय के खादी ग्रामोद्योग कक्ष द्वारा योजना के प्रचार-प्रसार और उद्यमियों को प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है।
संपर्क और सुविधा
यदि उद्यमियों को किसी प्रकार की समस्या होती है, तो भोपाल जिले के लिए मोबाइल नंबर 9826204587 पर संपर्क किया जा सकता है। शासन का उद्देश्य है कि धार्मिक आयोजनों में प्रयुक्त सामग्री का उत्पादन प्रदेश स्तर पर हो, जिससे स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ें और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
मिलेगा बढ़ावा
पूजन सामग्री उत्पादन इकाइयों के माध्यम से न केवल पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह पहल प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और स्व-सहायता समूहों के लिए भी नए अवसर लेकर आएगी।
