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भोपाल में स्कूलों के पास संबद्धता शुल्क जमा करने के लिए केवल 2 दिन, 31 अगस्त आखिरी तारीख

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Published On: 28 August 2025

भोपाल | MP के निजी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों को अब केवल दो दिन के भीतर ही संबद्धता शुल्क जमा करना होगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) और लोक शिक्षण संचालनालय ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि 31 अगस्त 2025 आखिरी तारीख होगी। इसके बाद कोई भी स्कूल शुल्क जमा नहीं कर पाएगा।

दरअसल, इससे पहले संबद्धता शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख 10 अगस्त निर्धारित की गई थी। लेकिन प्रदेशभर के निजी स्कूल संचालकों ने आर्थिक बोझ और प्रक्रियागत कठिनाइयों को देखते हुए तारीख बढ़ाने की मांग की थी। इसके बाद शासन ने संचालकों की मांग पर आंशिक राहत देते हुए 21 दिन की मोहलत दी और नई तारीख 31 अगस्त तय की।

क्यों है जरूरी?

संबद्धता शुल्क जमा करने के बाद ही स्कूलों को बोर्ड की मान्यता मिलती है और वे विद्यार्थियों को हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा में शामिल करा सकते हैं। जिन स्कूलों द्वारा शुल्क जमा नहीं किया जाएगा, उनकी संबद्धता निरस्त हो सकती है। इससे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक सकता है।

माशिमं और लोक शिक्षण संचालनालय ने स्पष्ट कर दिया है कि निर्धारित समयसीमा में शुल्क नहीं भरने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कितना है संबद्धता शुल्क?

सूत्रों के अनुसार, संबद्धता शुल्क की राशि स्कूलों के प्रकार और उनकी क्षमता के आधार पर अलग-अलग तय की जाती है। यह शुल्क प्रायः लाखों रुपए तक होता है। छोटे निजी स्कूलों के लिए यह बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है, जबकि बड़े स्कूल इसे आसानी से जमा कर सकते हैं।

संचालकों की दलील

कई निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि कोरोना काल और उसके बाद आर्थिक संकट के कारण स्कूलों की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है। फीस वसूली में देरी और खर्चे बढ़ने से उनके लिए समय पर संबद्धता शुल्क जमा करना कठिन हो गया था। इसी वजह से उन्होंने शासन से अतिरिक्त समय मांगा था।

विद्यार्थियों और अभिभावकों का कहना है कि यदि स्कूलों ने शुल्क समय पर जमा नहीं किया, तो सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों को होगा। इसीलिए वे चाहते हैं कि स्कूल किसी भी तरह निर्धारित समय में यह शुल्क जमा कर दें।

केवल 2 दिन का समय

अब स्कूलों के पास सिर्फ 30 और 31 अगस्त यानी दो दिन का ही समय बचा है। माशिमं ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि किसी भी हालत में इस तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसलिए निजी स्कूलों को हर हाल में समयसीमा का पालन करना होगा।

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