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पचमढ़ी में संगठन सृजन शिविर का छठवां दिन, भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति पर गंभीर चर्चा

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Published On: 7 November 2025

MP के पचमढ़ी में चल रहे जिला कांग्रेस अध्यक्षों के संगठन सृजन प्रशिक्षण शिविर के छठवें दिन का माहौल कुछ अलग ही रहा। इस दिन का पूरा सत्र भारतीय अर्थशास्त्र और राजनीति को समझने के लिए समर्पित रहा। देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और राजनीतिक परिदृश्य पर खुलकर चर्चा हुई। ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती इस सत्र के मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने बेहद सहज अंदाज में यह बताया कि कैसे आज की सरकार जनता को आंकड़ों और शब्दों के खेल से भ्रमित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार आंकड़ों का जादू दिखाकर विकास की बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है।

प्रवीण चक्रवर्ती ने देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े कई अहम पहलुओं पर रोशनी डाली। उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की आय और छोटे उद्योगों की स्थिति पर वास्तविक आंकड़े साझा किए। उनका कहना था कि विकास की जो तस्वीर पेश की जा रही है, वह अधूरी है।

तथ्यों और आंकड़ों के साथ समझाई सच्चाई

सत्र के दौरान उन्होंने एक प्रेजेंटेशन के जरिए देश की आर्थिक नीतियों और उनके प्रभावों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि कैसे गलत नीतियां और दिखावटी घोषणाएं अर्थव्यवस्था को कमजोर बना रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक आंकड़ों को सही तरह से समझा नहीं जाएगा, तब तक जनता के असली मुद्दे पीछे छिपे रहेंगे।

इस सत्र की खास बात यह रही कि इसमें सिर्फ व्याख्यान ही नहीं हुआ, बल्कि खुला संवाद भी हुआ। कई जिला अध्यक्षों ने अपने-अपने इलाकों से जुड़े सवाल पूछे जैसे स्थानीय उद्योगों की बदहाली, युवाओं के रोजगार के मौके, और किसानों की समस्याएं। प्रवीण चक्रवर्ती ने हर सवाल का जवाब सरल भाषा में दिया ताकि सभी प्रतिभागी आर्थिक विषयों की जटिलता को आसानी से समझ सकें।

नेताओं को दी गई नई दृष्टि

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि सोच बदलना था। सत्र के अंत में यह महसूस हुआ कि नेताओं को अब सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि अर्थशास्त्र की समझ भी जरूरी है। प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि अगर आप जनता के बीच सही आंकड़े और सच्ची जानकारी लेकर जाएंगे, तो लोगों का विश्वास और गहराएगा। छठवें दिन का यह सत्र सभी जिला अध्यक्षों के लिए ज्ञानवर्धक साबित हुआ। प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने पहली बार अर्थव्यवस्था और राजनीति के बीच का गहरा रिश्ता इतने स्पष्ट रूप में समझा। अब वे संगठन के कामकाज में इन जानकारियों का इस्तेमाल करेंगे, ताकि जनता के मुद्दों को सही तरीके से उठाया जा सके।

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