कटनी के भाजपा विधायक संजय पाठक की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं और अब उन पर आदिवासी जमीन से जुड़ा बड़ा आरोप लग गया है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति कल्याण आयोग ने विधायक संजय पाठक और उनके परिवार पर आदिवासियों की जमीन खरीदने को लेकर गंभीर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि पाठक परिवार ने पांच जिलों में करीब 1173 एकड़ जमीन चार आदिवासियों के नाम पर खरीदी है। यह शिकायत कटनी के दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने आयोग में दर्ज कराई थी। शिकायत को आधार मानकर आयोग ने प्रदेश के पांच जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी किया है।
कलेक्टरों को सख्त चेतावनी
आयोग ने साफ शब्दों में चेताया है कि कलेक्टर अगर तय समय सीमा में जानकारी उपलब्ध नहीं कराते तो उनके खिलाफ सिविल कोर्ट की तरह कार्रवाई होगी। यानी सीधे सम्मन जारी किए जाएंगे। यह कदम दिखाता है कि आयोग मामले को बेहद गंभीरता से देख रहा है।
लगातार बढ़ रही दिक्कतें
संजय पाठक पहले भी विवादों में घिरते रहे हैं। कभी खनन से जुड़े मामले, तो कभी अन्य जमीन विवाद। अब आदिवासी जमीन खरीद की जांच शुरू होने से उनकी दिक्कतें और बढ़ गई हैं। विपक्ष पहले से ही उन पर हमलावर है और अब यह नया मामला उन्हें और कटघरे में खड़ा कर रहा है।
राजनीतिक हलचल तेज
इस मामले के सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। आदिवासी मुद्दा हमेशा से संवेदनशील रहा है और ऐसे में भाजपा के ही विधायक पर इस तरह का आरोप पार्टी के लिए भी मुश्किल खड़ा कर सकता है। आयोग की जांच आगे क्या रुख लेती है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।
कुल मिलाकर कटनी के विधायक संजय पाठक के लिए यह मामला बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। अब यह देखना होगा कि आयोग की कार्रवाई के बाद आगे क्या तस्वीर सामने आती है।
