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भोपाल विधानसभा में गरजे उमंग सिंघार, कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर साधा निशाना; कांग्रेस का वॉकआउट

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Published On: 31 July 2025

भोपाल | राजधानी भोपाल की राजनीति गुरुवार को उस समय गरमा गई जब विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत बोलते हुए सिंघार ने न सिर्फ अपराधों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई, बल्कि सरकार पर अपराधियों को खुला संरक्षण देने का आरोप भी जड़ दिया।

सिंघार ने सदन में बेहद आक्रामक लहजे में कहा, “प्रदेश में अपराध बेलगाम हैं, खासकर वे क्षेत्र जहां न मीडिया की नजर पहुंचती है, न प्रशासन की संवेदनशीलता। ग्रामीण और दूरस्थ अंचल अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन चुके हैं। वहां पीड़ित की न सुनवाई होती है और न ही त्वरित कार्रवाई।”

उन्होंने दावा किया कि सरकार आंकड़ों का खेल खेल रही है। अपराधों को वर्गीकृत कर यह दिखाया जा रहा है कि हालात काबू में हैं, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि प्रदेश में 21,000 से ज्यादा महिलाएं और बेटियां लापता हैं।

सीएम से किए सवाल

नेता प्रतिपक्ष ने बीते महीनों में प्रदेश में घटित जघन्य अपराधों का हवाला देते हुए कहा कि जब खुद मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग है, तो वे जिम्मेदारी से कैसे मुकर सकते हैं? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता का दुरुपयोग कर विपक्षी विधायकों पर झूठे केस बनाए जा रहे हैं और 72 घंटे बीत जाने के बावजूद कोई संतोषजनक जवाब तक नहीं मिला।

सबसे चौंकाने वाला आरोप सिंघार ने ड्रग्स माफिया से जुड़ा लगाया। उन्होंने कहा, “गुजरात में पकड़े गए 1800 करोड़ के ड्रग्स मामले के तार मध्यप्रदेश से भी जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। शरीफ मछली, शारिक मछली जैसे संदिग्ध तस्करों को बचाने में सत्तापक्ष के लोग खुद आगे आ रहे हैं। इससे साफ है कि ड्रग्स नेटवर्क को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।”

सदन से किय वॉकआउट

सरकार की ओर से दिए गए जवाब को अपर्याप्त और भ्रामक बताते हुए कांग्रेस विधायकों ने पहले सदन में नारेबाजी की और फिर विरोध स्वरूप सदन से वॉकआउट कर दिया। विधानसभा में उमंग सिंघार की आवाज आज सिर्फ विपक्ष की नहीं थी, बल्कि उन हजारों पीड़ितों की भी थी, जिनकी फरियाद व्यवस्था के गलियारों में अनसुनी रह गई है।

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