भोपाल | प्रदेश में सामने आए बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी है। हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन और सचिव को अवमानना नोटिस इसलिए जारी किया क्योंकि उन्होंने जानबूझकर फर्जी कॉलेजों से जुड़ी फाइलें पेश नहीं कीं।
सिंघार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर सिलसिलेवार ट्वीट कर राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा, “मध्यप्रदेश में भाजपा का ‘भ्रष्टाचार बचाओ अभियान’ जारी है। हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद नर्सिंग काउंसिल के अफसरों ने जानबूझकर सीबीआई को फाइलें नहीं सौंपीं। क्या यह सिर्फ लापरवाही है या किसी बड़ी सांठगांठ का हिस्सा?”
“सरकारी संरक्षण में फल-फूल रहे फर्जी कॉलेज”
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य में बड़ी संख्या में बिना स्टाफ और बुनियादी ढांचे के फर्जी नर्सिंग कॉलेज खोले गए, जहां अयोग्य लोगों को डिग्रियां बांटी गईं। नर्सिंग शिक्षा के नाम पर प्रदेश में भ्रष्टाचार के अड्डे खड़े किए गए। हमने सड़क से लेकर सदन तक सरकार से सवाल किए, लेकिन सरकार हर बार चुप्पी साधती रही। सिंघार ने दावा किया कि इन संस्थानों को सरकारी संरक्षण इसलिए मिला क्योंकि इनकी जड़ें भाजपा नेताओं और उनके संरक्षित लोगों से जुड़ी हैं।
महिला सुरक्षा को लेकर भी उठाए सवाल
सिंघार ने भाजपा महिला मोर्चा द्वारा भोपाल में आयोजित मॉक पार्लियामेंट कार्यक्रम का भी हवाला दिया। उन्होंने लिखा कि इस कार्यक्रम में विपक्ष की भूमिका निभा रही एक छात्रा ने सरकार से महिला सुरक्षा को लेकर कड़े सवाल किए, लेकिन गंभीर मुद्दों पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
भाजपा का ‘भ्रष्टाचार बचाओ अभियान’ जारी है!
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन और सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है क्योंकि उन्होंने जानबूझकर फर्जी कॉलेजों की फाइलें पेश नहीं कीं। इतना ही नहीं, हाईकोर्ट ने CBI को भी जांच की सारी फाइलें सौंपने का आदेश दिया है।…
— Umang Singhar (@UmangSinghar) July 4, 2025
“सरकार इवेंट्स और दावों में व्यस्त है, लेकिन बलात्कार और छेड़छाड़ जैसे गंभीर अपराधों पर कभी ईमानदारी से चर्चा नहीं होती।” मुख्यमंत्री द्वारा यह कहे जाने पर कि प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों में फांसी का प्रावधान है, सिंघार ने इसे “जमीनी सच्चाई से अलग दावा” बताया।
एनसीआरबी आंकड़ों से घिरी सरकार
उमंग सिंघार ने एनसीआरबी और गृह विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सिर्फ वर्ष 2024 में मध्यप्रदेश में 7,250 बलात्कार के मामले दर्ज हुए, यानी औसतन हर दिन 20 से अधिक रेप के केस सामने आए। “कानून बना देना पर्याप्त नहीं है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए सरकार की सक्रिय नीति, सख्त अमल और प्रशासनिक दृढ़ता की आवश्यकता है। लेकिन सरकार हर बार औपचारिक बयान देकर मौन धारण कर लेती है।”
CBI जांच की दिशा में बढ़ा कदम
मामले में हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन और सचिव को अवमानना नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि फर्जी कॉलेजों से जुड़ी फाइलें अब तक क्यों नहीं सौंपी गईं। कोर्ट ने CBI को जांच का जिम्मा सौंपते हुए सभी जरूरी दस्तावेज तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
