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बेमौसम बारिश से तबाह फसलें, अब बिजली विभाग का नया फरमान किसानों पर बना बोझ

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Published On: 4 November 2025

मध्य प्रदेश के किसानों पर मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं। एक तरफ बेमौसम बारिश ने खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद कर दीं, वहीं अब बिजली विभाग के नए आदेश ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है। विभाग ने तय किया है कि अगर किसी खेत को एक दिन में 10 घंटे से ज्यादा बिजली दी गई, तो ऑपरेटर से लेकर बड़े अफसर तक की सैलरी काटी जाएगी।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर ए.के. जैन ने यह आदेश जारी किया है। निर्देश में साफ कहा गया है कि कृषि फीडर पर 10 घंटे से ज्यादा बिजली सप्लाई देना नियम के खिलाफ माना जाएगा। अगर ऐसा हुआ, तो उस दिन का वेतन ऑपरेटर का काटा जाएगा। अगर दो दिन लगातार यही गलती दोहराई गई, तो जूनियर इंजीनियर का एक दिन का वेतन भी जाएगा। पांच दिन तक ऐसा चलने पर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की सैलरी कटेगी और सात दिन तक बिजली ज्यादा दी गई तो डीजीएम या जीएम का वेतन भी नहीं बचेगा।

13 जिलों में भेजा गया आदेश

यह आदेश भोपाल और ग्वालियर समेत सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, रायसेन, हरदा, विदिशा, अशोकनगर, गुना, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और दतिया के अधिकारियों को भेजा गया है। विभाग ने यह भी कहा है कि चाहे मिट्टी में नमी हो या मौसम खराब, किसी भी हाल में 10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री बोले राहत देंगे

दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 1 नवंबर को घोषणा की थी कि जिन उपभोक्ताओं के बिजली बिल तीन महीने या उससे ज्यादा बकाया हैं, उन्हें सरचार्ज पर छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि उपभोक्ता चाहें तो एकमुश्त या छह किस्तों में बिल चुका सकते हैं। लेकिन इसी घोषणा के अगले ही दिन बिजली कंपनी ने किसानों के लिए ये सख्त आदेश जारी कर दिया।

कांग्रेस ने कहा

कांग्रेस ने इस फैसले पर जमकर हमला बोला है। पार्टी प्रवक्ता राहुल शर्मा ने आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा कि भाजपा के नेता मंच से कहते हैं “किसानों को पर्याप्त बिजली देंगे”, लेकिन हकीकत में आदेश निकालकर उन्हें परेशान कर रहे हैं। उन्होंने इसे सरकार का “दोगलापन” बताया और कहा कि ऐसा लगता है जैसे मोहन यादव सरकार ने ठान लिया है कि किसानों को हर हाल में परेशान करना है।

किसानों की मुश्किलें बढ़ीं

पहले बारिश ने खेत चौपट किए, अब तय समय की बिजली ने सिंचाई पर संकट खड़ा कर दिया है। किसानों का कहना है कि फसल बचाने के लिए उन्हें लचीली बिजली सप्लाई चाहिए, टाइम टेबल से नहीं। मगर विभाग ने साफ कर दिया है कि अब खेतों में बिजली भी घड़ी देखकर ही मिलेगी।

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