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ग्वालियर हाईकोर्ट में जस्टिस गुप्ता के विवादित आदेश पर डिवीजन बेंच ने किया हस्तक्षेप, सिफारिश पर बढ़ा विवाद

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Published On: 7 October 2025

ग्वालियर हाईकोर्ट में जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता द्वारा शिवपुरी के अपर सत्र न्यायाधीश (एएसजे) विवेक शर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश को लेकर मचा विवाद अब और बढ़ गया है। मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने हस्तक्षेप किया है।

मुख्य न्यायाधीश संजय सचदेवा और जस्टिस डीडी बंसल की बेंच ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि जस्टिस गुप्ता के विवादित आदेश की डिजिटल फाइल अपलोड की जाए, ताकि उसमें की गई टिप्पणियों का अवलोकन किया जा सके। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।

मामले की पृष्ठभूमि

12 सितंबर 2025 को जस्टिस गुप्ता ने एक आदेश पारित कर शिवपुरी एएसजे विवेक शर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी। यह मामला एक धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से जुड़ा था। एएसजे शर्मा ने आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए थे, और बाद में आरोपी ने जमानत याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई जस्टिस गुप्ता की बेंच में हुई।

जस्टिस अतुल श्रीधरन की आपत्ति

जस्टिस अतुल श्रीधरन ने जस्टिस गुप्ता के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह आदेश “बिना अधिकार क्षेत्र” के पारित किया गया और उसमें की गई टिप्पणियां अभद्र और अनुचित हैं। जस्टिस श्रीधरन ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही साफ कर चुका है कि निचली अदालतों के जजों के बारे में इस तरह की टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

जस्टिस श्रीधरन की बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह 10 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल करे, ताकि जस्टिस गुप्ता के आदेश को चुनौती दी जा सके।

जस्टिस गुप्ता की नियुक्ति जुलाई 2025 में हुई थी। उनके खिलाफ पहले से मानसिक उत्पीड़न की शिकायतें लंबित थीं। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर उनका नाम आगे बढ़ाया गया और राष्ट्रपति ने नियुक्ति को मंजूरी दे दी। इस नियुक्ति के खिलाफ महिला जज अदिति कुमार शर्मा ने याचिका भी दायर की थी।

अब पूरे विवाद पर सबकी नजर 14 अक्टूबर की सुनवाई पर टिकी है, जब डिवीजन बेंच यह तय करेगी कि जस्टिस गुप्ता के आदेश और टिप्पणियों पर आगे क्या कदम उठाया जाएगा।

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