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MP कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना के नए बयान ने बढ़ाई सरगर्मी, बोले- “किसान गन्ना बोएगा तो कारखाना जरूर चलेगा”

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Published On: 7 September 2025

कैलारस का शक्कर कारखाना एक बार फिर चर्चा में है। एमपी की राजनीति में लंबे समय से यह मुद्दा गूंजता रहा है और अब MP कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना के नए बयान ने सरगर्मी और बढ़ा दी है। शनिवार को भूमिया बाबा मंदिर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मंत्री ने रास्ते में कार्यकर्ताओं से चर्चा के दौरान साफ कहा कि कैलारस का शक्कर कारखाना चालू होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुझे यहां भेजा है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जौरा के पूर्व विधायक सूबेदार सिंह और सबलगढ़ की विधायक सरला रावत हस्ताक्षर अभियान चलाएं। अगर किसान गन्ना बोएगा तो कारखाना जरूर चलेगा। इसकी जिम्मेदारी मेरी है।

फैसले के उलट

मंत्री का यह बयान सीधे तौर पर उस फैसले के उलट माना जा रहा है, जो मोहन सरकार ने कुछ ही दिन पहले लिया था। दरअसल, 20 अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक में कैलारस शक्कर कारखाने को एमएसएमई विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के मुताबिक एमएसएमई को सहकारिता विभाग का 61 करोड़ रुपए बकाया चुकाना है। सरकार का तर्क था कि इससे कारखाने की वित्तीय हालत सुधरेगी और आगे चलकर उसका संचालन बेहतर तरीके से हो सकेगा।

राजनीतिक बयान

अब जब कृषि मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर कारखाना चालू करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है, तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या कैबिनेट का फैसला बदलने वाला है या फिर यह केवल राजनीतिक बयान है। खासकर इसलिए क्योंकि कैलारस का शक्कर कारखाना पहले भी कई नेताओं की घोषणाओं का हिस्सा रह चुका है। कभी शिवराज सिंह चौहान ने मंच से इसे चालू करने का वादा किया था, तो कभी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसानों को भरोसा दिलाया था। लेकिन अब तक कारखाना शुरू नहीं हो पाया।

स्थानीय लोगों और किसानों का कहना है कि वे हर सरकार और नेता के वादों को सुन-सुनकर थक चुके हैं। किसानों की साफ मांग है कि अगर गन्ना बोने को कहा जा रहा है तो सरकार पहले कारखाना शुरू होने की गारंटी दे। वरना किसानों का नुकसान और बढ़ जाएगा।

सरकार का भीतरी मतभेद

राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि कृषि मंत्री का यह बयान सरकार के भीतर मतभेद को भी उजागर करता है। जहां कैबिनेट ने कारखाना एमएसएमई को सौंपने का निर्णय लिया, वहीं मंत्री कंसाना ने सार्वजनिक मंच से इसके चालू होने का दावा कर दिया। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार आधिकारिक तौर पर किस रुख पर टिकती है।

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