इंदौर से मनमाड़ रेलवे लाइन प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। भारतीय रेलवे (Indian Railways) अब 309.43 किमी लंबे हिस्से में जमीन अधिग्रहण की तैयारी कर रहा है। इसके लिए व्यापक सर्वे कराया जाएगा, जिसमें एरियल फोटोग्राफी, जियो इमेज और पूरे रूट का वीडियोग्राफी रिकॉर्ड शामिल होगा। अधिकारियों के अनुसार सर्वे पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। जमीन मिलते ही रेलवे ट्रैक बिछाने का काम आगे बढ़ाया जाएगा। कई इलाकों में शुरुआती स्तर पर अधिग्रहण का काम शुरू भी हो चुका है।
6 महीने में पूरा होगा सर्वे
इस बड़े प्रोजेक्ट को लेकर सेंट्रल रेलवे ने 77 लाख रुपए का टेंडर जारी कर दिया है। यह टेंडर 3 दिसंबर को खुलेगा और ऑनलाइन बोली लगेगी। पूरे सर्वे कार्य की अवधि छह महीने तय की गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया तेज गति से आगे बढ़ेगी ताकि निर्माण जल्द शुरू हो सके। नई रेल लाइन शुरू होने के बाद इंदौर से मुंबई की दूरी 170 से 200 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इससे यात्रियों को समय की बड़ी बचत होगी। इंदौर से मुंबई जाने वाली ट्रेनों को लंबा रूट लेना पड़ता है, लेकिन नई लाइन बनने के बाद यात्रा काफी आसान और तेज हो जाएगी।
प्रोजेक्ट का पैमाना और फायदे
इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 18,036 करोड़ रुपए बताई गई है। प्रस्तावित रेल लाइन करीब 309 किमी लंबी होगी, जिसमें 170.56 किमी हिस्सा मध्यप्रदेश में आएगा। यह लाइन बड़वानी, खरगोन और धार ज़िले के 77 गांवों से होकर गुजरेगी। इस रूट के पूरे होने से लगभग 29 लाख लोगों को पहली बार रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। यह क्षेत्र पूरी तरह रेल नेटवर्क से दूर रहा है, इसलिए नई लाइन स्थानीय लोगों के लिए बड़ी सुविधा लेकर आएगी। रेलवे की माल ढुलाई क्षमता भी सालाना 26 मिलियन टन तक बढ़ने की उम्मीद है।
संघर्ष समिति ने जताया स्वागत
मनमाड़-इंदौर रेलवे संघर्ष समिति ने टेंडर जारी होने को जनता की जीत बताया है। समिति प्रमुख मनोज मराठे ने कहा कि यह प्रोजेक्ट वर्षों से लंबित था और लोग लगातार इसके लिए आवाज उठाते रहे। उन्होंने कहा कि सर्वे का टेंडर निकलना सकारात्मक कदम है। इससे उम्मीद जगी है कि अब काम रुकने वाला नहीं है।
