इंदौर | मध्य प्रदेश इंदौर नगर निगम के वार्ड-58 से कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी की पार्षदी छिन सकती है। उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 20 जून को संभागायुक्त को पत्र लिखकर पद से हटाने की सिफारिश की थी।
अब इस मामले में संभागायुक्त दीपक सिंह ने नगर निगम आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट और कानूनी अभिमत तलब किया है। यह पूरा मामला मप्र नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 19 के तहत आगे बढ़ रहा है, जिसमें संभागायुक्त के पास पार्षदी रद्द करने का अधिकार है।
क्या है मामला?
अनवर कादरी उर्फ डकैत पर 18 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें डकैती, बलवा, अवैध हथियार, जमीन कब्जा और मारपीट जैसे संगीन आरोप शामिल हैं। हाल ही में जिला प्रशासन ने उन्हें लव जिहाद के लिए फंडिंग करने और साम्प्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में NSA के तहत निरुद्ध किया है। महापौर भार्गव ने अपने पत्र में कादरी को “देशद्रोही और आपराधिक प्रवृत्ति” का बताते हुए उनकी पार्षदी खत्म करने की मांग की थी।
क्या होगा आगे?
- संभागायुक्त ने नगर निगम से जवाब मंगवाया है कि कादरी के खिलाफ अब तक की जांच, FIR और कोर्ट स्टेटस क्या है?
- क्या पूर्व में भी इस तरह के मामले किसी पार्षद के खिलाफ आए हैं?
- और क्या धारा 19(2) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है?
अब अगला चरण यह होगा कि अनवर कादरी को नोटिस देकर पूछा जाएगा, “आपकी पार्षदी क्यों न रद्द कर दी जाए?” यदि उनका जवाब असंतोषजनक रहा, तो संभागायुक्त सीधे पार्षद पद समाप्त कर सकते हैं।
“BJP की साजिश”
कांग्रेस इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बता रही है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा, “यह पूरी कार्रवाई बीजेपी के इशारे पर हो रही है। कोर्ट ने अभी सजा नहीं दी है, फिर पार्षदी खत्म करने की प्रक्रिया जल्दबाज़ी क्यों?”
प्रवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने भी सवाल उठाया कि, “जब BJP पार्षद जीतू यादव को MIC से हटाया गया था, तो उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं हुई? सिर्फ कांग्रेस नेताओं को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है?”
क्या कहता है कानून?
- नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 19(1) के तहत, यदि कोई जनप्रतिनिधि आपराधिक प्रवृत्ति का पाया जाए या उसकी गतिविधि लोक व्यवस्था के प्रतिकूल हो, तो संभागायुक्त उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।
- धारा 19(2) के तहत, कार्रवाई से पहले कारण बताओ नोटिस अनिवार्य है।
- NSA के तहत निरुद्ध होना, कानूनन जनप्रतिनिधि के दायित्व के विपरीत माना जा सकता है।
क्या अनवर कादरी की पार्षदी बचेगी?
कानूनी रूप से कादरी की स्थिति नाजुक है। NSA की कार्रवाई और लंबा आपराधिक रिकॉर्ड उनके खिलाफ मजबूत आधार बनाते हैं। अब मामला कानूनी और प्रशासनिक रिपोर्टिंग पर टिक गया है- कांग्रेस राजनीतिक लड़ाई लड़ रही है, लेकिन आखिरी फैसला संभागायुक्त की रिपोर्ट और कादरी के जवाब पर निर्भर करेगा।