इंदौर | नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने भाजपा के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को एक खुला पत्र लिखते हुए इंदौर को भ्रष्टाचार और अव्यवस्था से मुक्त कराने की मांग की है। उन्होंने पत्र की शुरुआत शहर कांग्रेस कमेटी और नगर निगम कांग्रेस पार्षद दल की ओर से उन्हें बधाई देकर की, लेकिन साथ ही यह भी लिखा कि देवी अहिल्या की नगरी में पधारने के साथ वे इस शहर की “भीतर से कराहती पीड़ा” को सुनें और समझें।
हेमंत खंडेलवाल को लिखा पत्र
चौकसे ने लिखा कि इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर कहा जाता है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह शहर अब भ्रष्टाचार, कुप्रशासन और प्रशासनिक उपेक्षा से जूझ रहा है। यह वही इंदौर है जहां पिछले 25 वर्षों से नगर निगम में भाजपा का शासन है। नागरिकों ने बार-बार भाजपा को मौका दिया, लेकिन बदले में उन्हें टूटी सड़कें, जलभराव, बिजली कटौती और जवाबदेही से भागती व्यवस्था मिली। उन्होंने पत्र में बायपास जाम से लेकर नाला टेपिंग घोटाले तक सवाल उठाए।
मौतों का भी उल्लेख
चौकसे ने कहा कि देवास-इंदौर बायपास पर रोजाना लगने वाले जाम और उससे हुई मौतों का भी उल्लेख किया। उन्होंने लिखा कि यह मार्ग अब जनसंकट का प्रतीक बन गया है, जहां करोड़ों की टैक्स वसूली के बावजूद सड़क की हालत बेहद खराब है। “अब तक पांच जिंदगियां इस जाम में दम तोड़ चुकी हैं। इंदौर नगर निगम की कार्यशैली को उन्होंने “भ्रष्टाचार का पर्याय” बताया। पत्र में नाला टेपिंग घोटाले, फर्जी फाइलों के जरिए की गई बंदरबांट और खराब पेंचवर्क जैसे मामलों का हवाला दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि “पानी का बिल तो पूरे महीने का आता है लेकिन सप्लाई पखवाड़े में मुश्किल से कुछ घंटों की होती है।”
“इंदौर उपेक्षा का शिकार बनता जा रहा है”
नेता प्रतिपक्ष ने आगे लिखा कि इंदौर भाजपा के लिए गौरव का विषय रहा है, लेकिन अब यह शहर उपेक्षित होता जा रहा है। उन्होंने हेमंत खंडेलवाल से आग्रह किया कि वे प्रदेशाध्यक्ष के रूप में न केवल राजनीतिक भूमिका निभाएं, बल्कि इंदौर की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दें और जिनके हाथों में नगर की व्यवस्था है, उन्हें उत्तरदायी बनाएं। उन्होंने मांग की कि इंदौर को एक बार फिर न्याय, विकास और संवेदनशील प्रशासन की राह पर लाने के लिए अभियान चलाया जाए। “मैं एक जनप्रतिनिधि के नाते नहीं, बल्कि इस नगर के जिम्मेदार नागरिक के नाते आपसे यह निवेदन कर रहा हूं,” चौकसे ने पत्र में लिखा। पत्र के जरिए कांग्रेस ने इंदौर की नगर निगम व्यवस्था पर सीधा सवाल उठाते हुए भाजपा नेतृत्व पर जवाबदेही तय करने का दबाव बनाया है।
