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सार्वजनिक जगहों पर नहीं लगेंगी नई प्रतिमाएं, हाईकोर्ट का सख्त आदेश; निर्देशों के पालन का दिया हवाला

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Published On: 8 July 2025

इंदौर | मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर डिवीजन बेंच ने सार्वजनिक स्थानों पर महापुरुषों की नई प्रतिमाएं लगाए जाने को लेकर बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने 2023 में जबलपुर बेंच द्वारा दिए गए निर्देशों का हवाला देते हुए कहा है कि अब किसी भी सार्वजनिक स्थान पर कोई नई प्रतिमा नहीं लगाई जाए। कोर्ट ने प्रमुख सचिव को निर्देशित किया है कि वे सभी नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।

क्षेत्र में थी तनाव की स्थिति

यह आदेश उस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जो उज्जैन जिले के माकडोन निवासी किसान राजेश ने दायर की थी। याचिका में माकडोन कस्बे में प्रतिमाएं लगाने को लेकर हुए विवाद की पृष्ठभूमि बताई गई थी। जनवरी 2024 में यहां बिना अनुमति पाटीदार समाज ने सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित की थी, जिसके विरोध में अनुसूचित जाति और भीम आर्मी के लोगों ने प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी थी। इसके बाद, क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई थी और कई एफआईआर भी दर्ज हुई थीं।

इस घटना के बाद विभिन्न समाजों द्वारा नगर परिषद को ज्ञापन देकर अपने-अपने महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की गई थी। ब्राह्मण समाज ने परशुराम, गुर्जर समाज ने देवनारायण और अन्य समाजों ने अलग-अलग चौराहों पर प्रतिमाएं लगाने की मांग रखी थी।

2023 और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष यादव ने दलील दी कि इस मामले में पहले ही 2023 में हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच स्पष्ट निर्देश दे चुकी है कि नई प्रतिमाएं नहीं लगाई जाएं, क्योंकि इससे ट्रैफिक बाधित होता है और सामाजिक टकराव की स्थिति बनती है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी हवाला दिया, जिनमें स्पष्ट कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक या सामाजिक महापुरुषों की नई प्रतिमाएं लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

शासन के तर्क खारिज

शासन की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है और अनधिकृत निर्माण हटाए भी गए हैं। लेकिन कोर्ट ने शासन के तर्कों से असहमति जताई और स्पष्ट निर्देश दिए कि 2023 की गाइडलाइन का सभी निकायों द्वारा सख्ती से पालन हो।

कोर्ट की प्रमुख गाइडलाइन

  • किसी भी सार्वजनिक स्थान जैसे सड़क, पार्क, चौराहा आदि पर नई प्रतिमा, मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारा आदि का अनधिकृत निर्माण नहीं किया जाएगा।
  • सभी राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि आगे कोई नया निर्माण न हो और पूर्व के निर्देशों का गंभीरता से पालन हो।
  • पहले से मौजूद अनधिकृत निर्माणों की समीक्षा कर नियमन या स्थानांतरण की नीति बनाई जाए।
  • राज्य तय करें कि कब तक ये निर्माण हटाए या स्थानांतरित किए जाएंगे।
  • हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब सभी नगर परिषदों और पालिकाओं के लिए यह जरूरी होगा कि वे सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिमा स्थापना की किसी भी नई योजना को तत्काल प्रभाव से रोकें।
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