इंदौर | मध्य प्रदेश के इंदौर में बन रहे लक्ष्मीबाई नगर रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन को लेकर शुक्रवार को एक बड़ी समीक्षा बैठक स्थल पर ही हो गई। यह ब्रिज अंग्रेजी के अक्षर ‘Z’ के आकार का है, लेकिन इसके डिजाइन में ऐसे गंभीर तकनीकी खामियां सामने आईं, जो भविष्य में भारी ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं।
ब्रिज का 90 डिग्री मोड़ बना सिरदर्द
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय जब मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने ब्रिज के नक्शे को भौगोलिक स्थिति से मिलाया। इस दौरान सामने आया कि ब्रिज के दो स्थानों पर 90 डिग्री के तीखे मोड़ हैं। ऐसे मोड़ों पर भारी वाहन मुड़ ही नहीं पाएंगे। इस पर जब मंत्री ने सवाल उठाए, तो अधिकारियों का जवाब चौंकाने वाला था, “जितनी जमीन मिली, उसी में प्लानिंग कर दी।”
इस पर मंत्री ने दो टूक कहा, “ऐसा नहीं चलेगा। अगर जमीन कम है, तो प्रस्ताव बनाकर दें, जमीन हम दिलवाएंगे। इंदौर की जनता के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।” साथ ही, उन्होंने पोलोग्राउंड, लक्ष्मीबाई नगर और एमआर-4 के समीप और भूमि लेने पर चर्चा की बात कही।
इंदौर में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माणाधीन रेल ओवरब्रिज (आरओबी) का आज निरीक्षण कर अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। विगत दिनों इस प्रोजेक्ट की डिजाइन में कुछ तकनीकी त्रुटियां सामने आई थीं, जिन्हें दृष्टिगत रखते हुए आज आईआईटी इंदौर के विशेषज्ञों के साथ मौके पर ही पुल की संरचना… pic.twitter.com/26lqi9o1By
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) July 18, 2025
डिजाइन में ‘भुजा’ ही गायब
समीक्षा के दौरान जब मंत्री ने पूछा कि लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन की तरफ ब्रिज की एक भुजा उतर रही है, तो दूसरी भुजा का क्या प्लान है, तो अधिकारी बगलें झांकते नजर आए। जवाब मिला कि भागीरथपुरा की तरफ एक भुजा उतारने की योजना है, लेकिन वह डिजाइन में दिखाई नहीं दी। इससे साफ है कि डिजाइन स्तर पर भी गड़बड़ी है।
एक्सपर्ट ने जताई आपत्ति
आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर प्रियांशु और सिटी इंजीनियर अतुल सेठ ने स्पष्ट किया कि ट्रैफिक सर्वे के बिना डिजाइन तैयार की गई है। मोड़ों पर टर्निंग रेडियस महज 12 मीटर रखा गया है, जबकि भारी वाहनों को सुरक्षित मुड़ने के लिए कम-से-कम 18 मीटर की जरूरत होती है। इसके अलावा रोड की चौड़ाई भी लगभग 4.5 मीटर बढ़ानी पड़ेगी।
बाणगंगा ब्रिज पर भी वही कहानी
मंत्री ने मौके पर बाणगंगा रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहे दूसरे ब्रिज की स्थिति भी जांची। यहां भी वही गलती दोहराई गई थी- 90 डिग्री का मोड़ और बिना ट्रैफिक सर्वे के डिजाइन। एक भुजा गौरी नगर की ओर उतारी जा रही है, जबकि ट्रैफिक का दबाव एमआर-4 की ओर है। मंत्री विजयवर्गीय ने अफसरों को सख्त निर्देश दिए कि जल्द-से-जल्द प्रस्ताव तैयार करें। वहीं, एक्सपर्ट ने सुझाव दिया कि दोनों ब्रिज की भुजाओं को एमआर-4 जैसे व्यस्त मार्गों पर ही उतारा जाए, ताकि भारी ट्रैफिक सुचारू रूप से निकल सके।
