इंदौर | मध्य प्रदेश के इंदौर कांग्रेस इन दिनों भीतरी कलह के कारण सुर्खियों में है। हाल ही में शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए चिंटू चौकसे और जिला अध्यक्ष नियुक्त विपिन वानखेड़े के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि पूर्व महिला मोर्चा अध्यक्ष और दिग्गज कांग्रेसी नेता अनिल शुक्ला की बेटी साक्षी शुक्ला डागा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को सीधे पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है।
साक्षी शुक्ला का बड़ा कदम
साक्षी शुक्ला का कहना है कि राहुल गांधी ने सितंबर 2022 में उदयपुर घोषणा के तहत सभी नेताओं को “एक व्यक्ति–एक पद” सिद्धांत का पालन करने का स्पष्ट निर्देश दिया था। बावजूद इसके इंदौर में शहर कांग्रेस अध्यक्ष और नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष दोनों पद एक ही व्यक्ति को सौंप दिए गए हैं। साक्षी के मुताबिक यह निर्णय न सिर्फ कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा रहा है बल्कि संगठन के भीतर योग्यता और मेहनत करने वालों के साथ अन्याय भी है।
राहुल गांधी की क्लास
दूसरी ओर कांग्रेस आलाकमान 24 अगस्त को दिल्ली में प्रदेश के 71 नए जिला अध्यक्षों की पहली ट्रेनिंग लेने जा रहा है। राहुल गांधी और खड़गे इस कार्यक्रम में अध्यक्षों को संगठन को मजबूत करने की रणनीति और चुनावी तैयारियों का रोडमैप देंगे। माना जा रहा है कि इसी बैठक में इंदौर विवाद पर भी चर्चा हो सकती है।
सड़कों से सोशल मीडिया तक विरोध
नव नियुक्त अध्यक्षों के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता खुलकर सामने आ गए हैं। देपालपुर और महू में नाराज कार्यकर्ताओं ने पीसीसी प्रमुख जीतू पटवारी और जिला अध्यक्ष वानखेड़े का पुतला जलाया। सोशल मीडिया पर भी विरोध अभियान तेज है। वहीं संभागीय प्रवक्ता ने इस्तीफा देकर नाराजगी जताई है।
पत्र में उठाए गए प्रमुख मुद्दे
| मुद्दा | विवरण |
| सिद्धांत का उल्लंघन | एक ही व्यक्ति को दो बड़े पद सौंपना |
| कार्यकर्ताओं का मनोबल | असंतोष और हतोत्साह बढ़ा |
| संगठन अभियान से दूरी | नए अध्यक्ष पार्टी के संगठन सृजन अभियान का हिस्सा नहीं रहे |
| मांग | तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई और निष्पक्षता सुनिश्चित करना |
यादव समाज का विरोध
यादव समाज ने भी पटवारी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। आरोप है कि संगठनात्मक नियुक्तियों में समाज की अनदेखी की गई है। अब जल्द ही एक बैठक कर पटवारी के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध रणनीति तय की जाएगी।
हार चुके हैं दोनों अध्यक्ष
दिलचस्प बात यह है कि जिन नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे दोनों ही 2023 विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।
- चिंटू चौकसे – इंदौर-2 से भाजपा प्रत्याशी रमेश मेंदोला से 1,07,047 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से हारे।
- विपिन वानखेड़े – आगर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार मधु गहलोत से 13,002 वोटों से पराजित हुए।
बढ़ी चिंता
इंदौर कांग्रेस में मचे घमासान ने आलाकमान की चिंता बढ़ा दी है। एक तरफ कार्यकर्ताओं का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा, दूसरी तरफ लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पार्टी नेतृत्व पर संगठनात्मक संतुलन बनाने का दबाव बढ़ गया है। अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी और खड़गे साक्षी शुक्ला के पत्र और कार्यकर्ताओं के विरोध को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या “एक व्यक्ति–एक पद” का सिद्धांत इंदौर में लागू होता है या नहीं।
