कांग्रेस के अंदरूनी झगड़े का नया मामला इंदौर से निकलकर अब दिल्ली तक पहुंच गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर हुए विवाद ने पार्टी में हलचल मचा दी है। बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस हाईकमान ने रिपोर्ट तलब की है। वहीं, जिन शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे पर अपशब्द बोलने का आरोप लगा है, उन्होंने सफाई दी है कि मैं दिग्विजय सिंह के खिलाफ कुछ बोलना तो दूर, ऐसा सोच भी नहीं सकता।
कैसे शुरू हुआ विवाद
मामला तब शुरू हुआ जब इंदौर-4 से बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने शीतलामाता बाजार से “जिहादी मानसिकता वालों को बाहर करने” की मुहिम छेड़ी थी। उसी दौरान दिग्विजय सिंह इंदौर पहुंचे और इस मुद्दे पर उन्होंने शहर कांग्रेस के पार्षद राजू भदौरिया, जो चौकसे के समर्थक हैं, को फटकार लगा दी। अगले दिन दिग्विजय प्रभावित व्यापारियों और कर्मचारियों से मिलने पहुंचे तो वहां माहौल गरमा गया। इस दौरान शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे नदारद रहे।
फिर अगले ही दिन गांधी भवन में कांग्रेस की समन्वय बैठक में चौकसे ने बिना नाम लिए दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा – “अब बाहर से कोई नेता बिना बताए आयोजन नहीं करेगा। इंदौर में कोई भी कार्यक्रम होगा तो पहले शहर और जिला संगठन से चर्चा जरूरी होगी।” चौकसे ने यह पूरा बयान खुद अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर दिया।
ऑडियो वायरल होते ही हंगामा
इसके बाद दिग्विजय सिंह के करीबी और पूर्व शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने चौकसे को फोन कर समझाने की कोशिश की। लेकिन दोनों के बीच हुई बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस ऑडियो में चौकसे कथित तौर पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए सुने गए। चड्ढा ने उन्हें समझाया कि दिग्विजय सिंह हमारे वरिष्ठ और पिता समान हैं, लेकिन चौकसे का गुस्सा कम नहीं हुआ।
अब हाईकमान के पास शिकायत
घटना के बाद शहर कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने शिकायत की है कि चौकसे का व्यवहार न केवल वरिष्ठ नेताओं का अपमान है, बल्कि पार्टी अनुशासन के खिलाफ भी है। यादव ने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए।
चिंटू चौकसे का बयान
वहीं, चिंटू चौकसे का कहना है कि मैंने कभी दिग्विजय सिंह का अपमान नहीं किया। कोई मेरे नाम से फर्जी ऑडियो वायरल कर रहा है। मैं दिग्विजय सिंह का सम्मान करता हूं। इधर, सूत्रों का कहना है कि दिल्ली आलाकमान ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है, और जल्द ही प्रदेश स्तर पर कार्रवाई हो सकती है। पार्टी के भीतर यह मामला अब “अनुशासन बनाम असहमति” की बहस में बदल गया है।
