इंदौर | मध्य प्रदेश के इंदौर में रक्षाबंधन का पर्व इस बार कुछ खास नज़ारा लेकर आया। शहर की एआईसीटीएसएल बसों में महिलाओं और युवतियों को पूरे दिन मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई, लेकिन असली खुशी का पल तब देखने को मिला, जब कई महिला यात्रियों ने बस चालकों और परिचालकों की कलाई पर राखी बांधकर इस त्योहार को और यादगार बना दिया।
शनिवार सुबह से ही बस स्टैंड और रूट पर यात्रियों की भीड़ थी, लेकिन माहौल पूरी तरह से त्योहार के रंग में रंगा नजर आया। बस में चढ़ते ही महिलाओं को यह एहसास हुआ कि उन्हें किराया नहीं देना है, और इस खुशी में कई महिलाओं ने सीधे अपने पर्स से राखी निकाली और बस चालक को बांध दी। अचानक से हुए इस प्यार भरे Gesture ने बस चालकों को भी भावुक कर दिया।
निभाई परंपरा
इस साल भी नगर निगम और एआईसीटीएसएल ने परंपरा निभाते हुए महिला यात्रियों के लिए किराया माफ किया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कुछ दिन पहले ही इसकी घोषणा की थी। योजना के तहत शहर में चलने वाली सभी एआईसीटीएसएल बसों में महिला यात्री दिनभर बिना टिकट सफर कर सकीं।
साथ लेकर आईं राखी
रोजाना बसों में सफर करने वाली कुछ कामकाजी महिलाएं और छात्राएं पहले से ही राखियां साथ लेकर आई थीं। सफर के दौरान उन्होंने बस चालकों को राखी बांधते हुए उनकी लंबी उम्र और सुरक्षित ड्राइविंग की शुभकामनाएं दीं। वहीं, कई बस चालकों ने बहनों को आश्वासन दिया कि वे हमेशा उनकी सुरक्षा का ख्याल रखेंगे। त्योहार का माहौल इतना खुशनुमा था कि अन्य यात्री भी इस दृश्य को देख मुस्कुरा उठे। बसों में छोटी बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक ने इस पहल का स्वागत किया। कई महिलाओं ने कहा कि यह सुविधा न सिर्फ आर्थिक मदद है, बल्कि यह महिलाओं के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है।
नहीं लगा महिलाओं का किराया
दिनभर इंदौर की सड़कों पर सैकड़ों महिलाएं अपने भाइयों से मिलने या राखी बांधने के लिए बिना किराया दिए सफर करती रहीं। दूसरी ओर, बस चालकों और परिचालकों की कलाई पर बंधी रंग-बिरंगी राखियां इस बात का सबूत थीं कि रक्षाबंधन का असली मतलब सिर्फ खून का रिश्ता नहीं, बल्कि सुरक्षा और विश्वास का बंधन है।
