नवरात्र पर्व और गरबा महोत्सवों की तैयारियों के बीच जबलपुर में धार्मिक संगठनों और प्रशासन के बीच खींचतान तेज हो गई है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने शुक्रवार को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि इस बार होने वाले गरबा उत्सव पूरी तरह से धार्मिक मर्यादा और परंपराओं के अनुरूप हों।
संगठनों ने साफ कहा कि गरबा आयोजनों में केवल हिंदू श्रद्धालुओं का ही प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। उनका कहना है कि पिछले कुछ सालों में गरबा पंडालों में बाहरी और संदिग्ध लोगों की मौजूदगी ने कई बार तनावपूर्ण हालात पैदा किए हैं। ऐसे में इस बार प्रशासन को पहले से ही सतर्क रहना होगा।
आयोजनों के लिए रखी शर्तें
- गरबा आयोजन समितियां तय समय सीमा का पालन करें।
- स्कूल-कॉलेज में होने वाले आयोजनों की पूरी जिम्मेदारी संस्थान प्रबंधन की होगी।
- पंडालों में विधर्मी और संदिग्ध तत्वों की एंट्री पर रोक लगाई जाए।
- अश्लील और फिल्मी गानों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहे।
- केवल भक्ति और पारंपरिक गीतों पर ही गरबा खेला जाए।
संगठन नेताओं का कहना है कि गरबा उत्सव सिर्फ नाच-गाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह सनातन संस्कृति और भक्ति का हिस्सा हैं। इसलिए इसकी गरिमा बनाए रखना बेहद जरूरी है।
लव जिहाद का आरोप
बजरंग दल के विभाग संयोजक समित ठाकुर ने कहा कि जबलपुर जैसी धार्मिक नगरी में पिछले कुछ समय से गरबा आयोजनों में अश्लीलता और संदिग्ध व्यक्तियों की घुसपैठ के मामले सामने आए हैं। उनका आरोप है कि ऐसे आयोजनों का इस्तेमाल लव जिहाद जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस बार भी नियमों का पालन नहीं किया गया तो विहिप और बजरंग दल सड़कों पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
प्रशासन का रुख
इधर, क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि संगठनों ने वेशभूषा और आयोजन की मर्यादा से जुड़ी कुछ शर्तों को लेकर ज्ञापन सौंपा है। पुलिस प्रशासन ने उन्हें आश्वस्त किया है कि आने वाले त्योहारों में सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंडालों और आयोजनों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। साथ ही सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बल भी तैनात किए जाएंगे।
क्या है सच्चाई?
जबलपुर और आसपास के जिलों में गरबा और डांडिया का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इन कार्यक्रमों में युवाओं की भारी भीड़ उमड़ती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से आयोजनों में अश्लील गानों पर डांस और संदिग्ध व्यक्तियों की मौजूदगी जैसी शिकायतें मिलती रही हैं। यही वजह है कि इस बार विहिप और बजरंग दल पहले से ही सख्ती की मांग कर रहे हैं।